उज्जैन। बिजली की शिकायत के लिए विद्युत वितरण कंपनी में आइवीआर सिस्टम और ऊर्जस एप है। इन पर दर्ज शिकायतों का कितने समय में निराकरण होता है यह अलग विषय है,लेकिन इन पर दर्ज शिकायतों की संख्या से साफ है कि उज्जैन में बिजली की अधिक समस्या आती है।
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपभोक्ता शिकायत निवारण में इंट्रेक्टिव वाइस रिस्पांस (आइवीआर) सिस्टम और ऊर्जस एप के आंकडों के अनुसार बिजली की शिकायत में उज्जैन दूसरे स्थान पर हैं। बिजली कंपनी मशीन आधारित आटोमैटेड सिस्टम को समय बचाने वाला करार दे रही है। साथ ही दावा भी कर रही है कि इसी तरह ऊर्जस एप के माध्यम से भी आपूर्ति व अन्य शिकायतें कम समय में दर्ज हो जाती है। इस सिस्टम ने शिकायतों की अधिकता को भी उजागर कर दिया है।
मौसम बदलाव व बारिश के दौरान बिजली कंपनी के पास उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों के बिजली गुल होने की शिकायतें लगातार पहुंच रही हैं। नतीजा कंपनी पर अपनी व्यवस्थाएं पहले से बेहतर करने और जल्द सुधार करने का दबाव बना हुआ है। मौसमी कारण से उपभोक्ता को कम से कम परेशानी उठानी पड़े, आपूर्ति में व्यवधान आए तो भी जल्द से जल्द समाधान हो सके। इसी दिशा में कंपनी के काल सेंटर 1912 की स्थापना की गई थी। कंपनी ने अपने काल सेंटर को आइवीआरएस से जोड़ दिए है। नतीजा अब आने वाले ज्यादा काल आटोमैटेड सिस्टम से संचालित हो रहे है।
ऐसे करें शिकायत
मशीन आधारित इस सिस्टम में उपभोक्ताओं को बटन दबाकर मात्र कनेक्शन क्रमांक यानी बिल पर लिखा कनेक्शन क्रमांक दर्ज करना होता है। इस प्रणाली से 1912 पर मात्र 20 से 25 सेकंड में शिकायतें दर्ज हो जाती है। ऊर्जस का उपयोग करने वालों में इंदौर पहले स्थान पर है, इसके बाद उज्जैन, देवास, रतलाम का नंबर आता है। दोनों ही माध्यमों से उपभोक्ताओं की सतत मदद की जा रही है। विद्युत कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य महाप्रबंधक प्रतिदिन कॉल सेंटर व शिकायत निवारण की समीक्षा कर रहे हैं।