देश में कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि और वैक्सीन की किल्लत के बीच एक राहत की खबर आ रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। बता दें कि कोविशील्ड और कोवाक्सिन के बाद भारत द्वारा अनुमोदित यह तीसरा टीका है।
हैदराबाद स्थित दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने पिछले हफ्ते भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए सरकार की मंजूरी मांगी थी। रूस का प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने डॉ. रेड्डीज के साथ सितंबर 2020 में भारत में स्पुतनिक वी के परीक्षणों के संचालन करने के लिए समझौता किया था। स्पुतनिक-वी की वेबसाइट के अनुसार, रूसी वैक्सीन की प्रभावकारिता दर 91.6 फीसदी है।
कंपनी यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में अपने तीसरे चरण की नैदानिक परीक्षण कर रही है।डॉ. रेड्डीज के अलावा मार्च में आरडीआईएफ ने भारत में स्पुतनिक वी की प्रति वर्ष 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए विर्चो बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Virchow Biotech Private Limited) के साथ भागीदारी की थी। वहीं अप्रैल में स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड और पैनासिया बायोटेक के साथ भी साझेदारी की है।
अभी देश में दो वैक्सीन का हो रहा है इस्तेमाल
देश में अभी दो कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवाक्सिन का भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है।
कई राज्यों में रिपोर्ट हुई थी वैक्सीन की कमी
बता दें कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, यूपी समेत कई राज्यों में सरकार ने वैक्सीन की कमी बताई थी जिसके बाद केंद्र सरकार को सफाई देनी पड़ी थी।
अक्तूबर तक चार और वैक्सीन को मिल सकती है मंजूरी
जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन
नोवावैक्स वैक्सीन
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल यानी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन
जायडस कैडिला की वैक्सीन