मध्यप्रदेश:बेटे-बेटी का टाइल्स कटर से गला काट कर इंजीनियर ने पत्नी के साथ पीया जहर

भोपाल में हादसा: आर्थिक तंगी से परेशान था, बाप और बेटे की मौत, मां-बेटी उपचाररत

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

भोपाल। राजधानी के मिसरोद थाना क्षेत्र में खुदकुशी और हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां शनिवार को सिविल इंजीनियर ने पत्नी के साथ जहर पी लिया। साथ ही, बेटे और बेटी का टाइल्स कटर से गला काट दिया। घटना में इंजीनियर और बेटे की मौत हो गई है। वहीं, बेटी और पत्नी को हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनकी स्थिति भी नाजुक है। घटना के पीछे आर्थिक तंगी का कारण सामने आ रहा है।

मिसरोद थाना पुलिस के अनुसार रवि ठाकरे (55) पुत्र लक्ष्मण राव ठाकरे परिवार समेत 102 मल्टी सहारा इस्टेट में रहते थे। परिवार में पत्नी रंजना ठाकरे (50) , बेटा चिराग ठाकरे (16) और बेटी गुंजन ठाकरे (14) है। जानकारी के अनुसार रोजाना की तरह शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे तक घर का कोई सदस्य नहीं उठा। इस पड़ोसियों ने शंका हुई। उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा, तो दंग रह गए। पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पर एसपी साईं कृष्णा, एएसपी राजेश भदौरिया, एसडीओपी अमित मिश्रा और मिसरोद थाना प्रभारी निरंजन शर्मा मौके पर पहुंचे। देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा तोड़कर अंदर देखा, तो एक कमरे में रवि और रंजना ठाकरे बेहोश पड़े थे। उनके मुंह से झाग निकल रहा था। दूसरे कमरे में चिराग और गुंजन खून से लथपथ पड़े थे। पुलिस ने चारों को अस्पताल भिजवाया, जहां रवि और चिराग को मृत घोषित कर दिया। वहीं, गुंजन और रंजना की हालत भी गंभीर है।

ये है आशंका
मौके पर खून से सनी टाइल्स कटर मिली है। पुलिस का कहना है आशंका है कि पहले रवि और रंजना ने जहर पीया है। इसके बाद इंजीनियर ने सोते में बेटे-बेटी का कटर से गला रेता गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

8 महीने से डिप्रेशन में थी रंजना
रवि गोविंदापुरा में निजी फर्म में सिविल इंजीनियर का काम करता था। लॉकडाउन में नौकरी छूट गई थी। रंजना भी ब्यूटी पार्लर चलाती थी, लेकिन उसका भी काम बंद हो गया। इस कारण 8 महीने से वह डिप्रेशन में थी। चिराग और गुंजन पढ़ाई कर रहे थे। पड़ोसियों का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। यहां तक कि छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लगती थी। पत्थर भी फेंकने लगी थी। उसका इलाज भी चल रहा था। हालत खराब होने के कारण उसके मायके वाले घर ले गए थे, लेकिन वह 6 महीने पहले फिर से आ गई। पड़ोसियों का कहना है कि अलसुबह बच्चों की आवाज भी सुनी थी, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। सुबह देर तक सोकर नहीं उठे, तब घटना का पता चला।

Related Articles