महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को हस्तांतरित होगा महाकाल कॉरिडोर

By AV NEWS

ज्योतिर्लिंग:31 अगस्त तक प्रोजेक्ट पूरा करने की है चुनौती…..

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के पीछे जमीं पर आकार ले चुका भव्य महाकाल कारिडोर अगले कुछ सप्ताह बाद महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। हस्तांतरण के बाद समिति ही कारिडोर की देखरेख करेगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने 31 अगस्त तक प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के इंजीनियरों और ठेकेदार फर्म को दिए हैं।

मालूम हो कि मध्यप्रदेश की सरकार महाकाल मंदिर परिसर को आठ गुना बड़ा और खूबसूरत बना रही है। प्रथम चरण में मंदिर की चारों दिशाओं में 303 करोड़ रुपये के आठ कार्य धरातल पर आकार दिखाई देने लगे हैं। महाकाल मंदिर से 70 मीटर के दायरे में सम्मिलित सभी बाधाएं हटाकर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी वन क्षेत्र बनाने का काम कर रही है, ताकि दूर से ही श्रद्धालु मंदिर के शिखर का दर्शन कर सकें।

पूर्वी दिशा में उज्जैन विकास प्राधिकरण विकास कार्य करवा रहा है। इसके दाहिनी ओर महाराजवाड़ा स्कूल भवन को हैरिटेज धर्मशाला के रूप में तब्दिल करने को रिनोवेशन का काम चल रहा है। यहीं प्राचीन महाकाल द्धार का जीर्णोंद्धार कार्य पूर्ण करा लिया गया है। इस द्धार के जीर्णोद्धार होने से अब महाकाल मंदिर से शिप्रा नदी के रामघाट पहुंचने को विकल्प खुल गया है। मंदिर के पश्चिमी दिशा में रुद्रसागर का सुंदरीकरण किया जा रहा है।

यहीं महाकाल कारिडोर बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे और दाहिनी ओर दो भव्य प्रवेश द्धार बना लिए गए हैं। ब्रिज की तरफ बने द्धार से जुड़ा 920 मीटर लंबा खूबसूरत कारिडोर, हार-फूल-प्रसाद-श्रृंगार की दुकानें, टिकट काउंटर बनकर तैयार हैं।

कारिडोर के एक तरफ 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवार पर शिव महापुराण में उल्लेखित देवी-देवताओं के भित्तिचित्र उत्कीर्ण किए गए हैं। इसके ठीक सामने परिसर में पुरातन स्वरूप में 108 आकर्षक स्तंभ सहित भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की 15 से 25 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मूर्तियां कुछ पत्थर की हैं और कुछ फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक की। यहीं रुद्रसागर का सुंदरीकरण हो रहा है।

रूद्र सागर के किनारे फोरलेन स्मार्ट रोड बनाई जा रही है। यही गणेश स्कूल परिसर के सामने से भारत माता मंदिर के पीछले हिस्से तक पैदल हैंगिंग ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि रुद्रसागर और हैंगिंग ब्रिज का निर्माण अभी बंद है। ये काम वर्षाकाल समाप्त होने के बाद गति पकडऩे की संभावना है। इस संबंध में कलेक्टर ठेकेदार को निर्देश भी दे चुके हैं। मंदिर की दक्षिणी दिशा में बेगमबाग मार्ग को चौड़ा कर लिया गया है।

स्वयं की बिजली पर निर्भर होगा महाकाल मंदिर

महाकाल मंदिर, स्वयं की बिजली पर निर्भर होगा। इसके लिए मंदिर परिसर में 125 किलोवाट का नेट मेटरिंग आधारित सोलर रूफ टाप संयंत्र लगाया जाएगा। त्रिवेणी संग्रहालय के सामने 14 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए सरफेस पार्किंग जोन में 400 किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित कर दिया गया है।

जहां गाडिय़ां खड़ी होंगीी, उसकी छत पर सोलर पैनल फीट किए गए हैं। मंदिर परिसर में 35 किलो वाट का एक सोलर प्लांट पहले से काम कर रहा है। कहा गया है कि तीसरे चरण में और काम होगा। कुल 560 यूनिट रोज बिजली मंदिर को मिले, इसकी योजना बनाई है। मंदिर में प्रकाश व्यवस्था के लिए 700 यूनिट बिजली प्रतिदिन की आवश्यकता रहती है।

पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी: अफसरों का कहना है कि उज्जैन का विकास धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में किया जा रहा है। महाकाल मंदिर परिसर में हुए विकास कार्यों को देखने दुनियाभर से पर्यटक आएंगे। वे यहां ज्यादा दिन ठहरेंगे। इससे यहां का व्यापार-व्यवसाय फलेगा-फूलेगा। पर्यटकों की सुविधार्थ उज्जैन से जुड़े सभी आंतरिक एवं बाहरी मार्गों को चौड़ा किया जा रहा है। पर्यावरण सुधार और यातायात को दुरुस्त करने के लिए भी काफी काम हो रहा है।

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