महाकाल भस्म आरती: ऑनलाइन बुकिंग 15 सितंबर तक फुल

By AV NEWS

उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती के लिए डेढ़ वर्षों से इंतजार कर रहे भक्तों के लिए भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश भी दिया जा रहा है।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने भक्तों के लिए भस्म आरती की बुकिंग की ऑनलाइन की लिंक 30 सितंबर तक के लिए खोल दी है। इसमें12 सितंबर, रविवार सुबह १० बजे तक की स्थिति में 15 सितंबर तक ऑनलाइन बुकिंग फुल हो चुकी है। 16,17 और 18 सितंबर के स्लॉट में कुछ स्थान खाली थे।19 सितंबर तक की बुकिंग फुल हो चुकी है। इन बुकिंग में प्रोटोकाल की 500 और आम श्रद्धालुओं की 150 ऑफलाइन बुकिंग शामिल नहीं हैं। प्रोटोकाल और ऑफलाइन बुकिंग पहले आओ, पहले पाओ के सिस्टम पर भस्म आरती के एक दिन पहले हो रही है।

कोविड गाइडलाइन का पालन जरूरी: भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्तों को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है। एक वर्ष पांच माह बाद शुरू हुई भस्म आरती में श्रद्धालु का प्रवेश के लिए नए नियम बनाए हैं। इसमें हरिओम जल चढ़ाने के लिए भी श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं है। भस्म आरती के दौरान गर्भ गृह और नंदी हाल में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित है। सिर्फ कार्तिकेय मंडपम और गणेश मंडपम में ही श्रद्धालुओं को बैठने की अनुमति है।

बुकिंग के अलग-अलग स्थान

भस्म आरती बुकिंग महाकाल ऐप या महाकाल मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर अनुमति दी जाएगी। 350 श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे, जबकि 500 प्रोटोकाल,150 श्रद्धालु ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं। भस्म आरती वीआईपी प्रोटोकाल की अनुमति के लिए हरिफाटक पुल के नीचे हाट बाजार में स्थापित मंदिर प्रबंध समिति के काउंटर पर आवेदन के साथ सभी दस्तावेज और प्रति व्यक्ति 100 रुपए शुल्क जमा होता है। मंदिर के पंडे-पुजारी-पुरोहित के प्रोटोकाल की अनुमति के लिए आवेदन मंदिर के फेसेलिटी सेंटर पर प्रति व्यक्ति 100 रुपए शुल्क के साथ जमा हो रहे हैं।

प्रोटोकाल के लिए वैसे तो महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने स्थानों का आरक्षण नहीं किया है, लेकिन अघोषित तौर पर वीआईपी प्रोटोकाल के लिए 250 और पंडे-पुजारी-पुरोहित के प्रोटोकाल के लिए 250 स्थान रखे गए हैं। आम श्रद्धालु की 150 ऑफलाइन बुकिंग के इंतजाम मंदिर प्रबंध समिति द्वारा पुराने प्रशासनिक कार्यालय के पास की गई है। यहां से आम श्रद्धालु प्रात: 10 बजे से आवेदन प्राप्त कर दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं। भस्म आरती के लिए श्रद्धालुओं को परमिशन मिलने के बाद बड़े गणेश मंदिर रोड स्थित दत्त मंदिर के पास से गेट नंबर 4 प्रवेश दिया जा रहा है।

ऑनलाइन परमिशन में दिक्कत श्रद्धालुओं के पैसे कटे, लेकिन अनुमति नहीं मिली

उज्जैन। 17 माह बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रारंभ हो गया है, भस्म आरती ऑनलाइन परमिशन में टेक्निकल दिक्कत सामने आई है। इसमें अनेक श्रद्धालुओं की ऑनलाइन बुकिंग के दौरान राशि तो कट गई, परंतु परमिशन नहीं मिली है। मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों का कहना हैं कि ऐसे श्रद्धालुओं की राशि वापस की जाएगी।

भगवान महाकाल की भस्म आरती के लिए 7 सितंबर से ऑनलाइन बुकिंग शुरू की गई थी। जैसे ही, देशभर के भक्तों को इसकी जानकारी लगी, वैसे ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर बुकिंग करने लगे। 4 दिनों में ही कई भक्तों से साथ हुई बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। घर बैठे भस्म आरती की बुकिंग कर रहे श्रद्धालुओं की राशि बैंक से कट गई, लेकिन परमिशन नहीं मिली।

भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन परमिशन की जरूरत है। भस्म आरती की परमिशन में टेक्निकल दिक्कत सामने आई है। दरअसल, कई भक्तों ने वेबसाइट पर ऑनलाइन परमिशन के लिए आवेदन किया। जानकारी भरने के बाद खाते से रुपए तो कट गए, लेकिन परमिशन का कंफर्मेशन नहीं मिला। ऐसा करीब 50 श्रद्धालुओं के साथ हुआ है। हालांकि इसकी शिकायत मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत को भी की गई है।

इनका कहना

पेमेंट गेटवे की दिक्कत पहले भी आई है। ऐसे 50 श्रद्धालु हैं, जिनकी ऑनलाइन प्रोसेस के दौरान राशि कट गई, लेकिन परमिशन नहीं मिली। इसकी जानकरी मांगी है। वेरिफिकेशन के बाद ऐसे सभी लोगों को राशि वापस की जाएगी। महाकाल मंदिर के आईटी इंचार्ज अधिकारियों को जल्द ही पेमेंट गेटवे में सुधार करने के निर्देश दिए हैं।आशीष सिंह, कलेक्टर और अध्यक्ष महाकाल मंदिर प्रबंध समिति

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