महाशिवरात्रि की पूजा विधि, सामग्री की सूची व व्रत के नियम

सनातन धर्म में महत्वपूर्ण चार रात्रियों में से एक है महाशिवरात्रि  इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। बता दें ये पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। ये तिथि इस बार 8 मार्च की  है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अभिषेक अत्यंत फलदायी होगी, क्योंकि शास्त्रों में गुरु को ज्ञान, भौतिक सुखों एवं संवाद का कारक ग्रह माना गया है. लिखा है – य:सतत कर्तृनाम भक्तानां अशुभं पापं च शयति नाशयति सः शिव:।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री

महाशिवरात्रि की पूजा सामग्री विशेष होती है. पूजा सामग्री में उन चीजों को प्रयोग में लाया जाता है जो भगवान शिव की प्रिय होती हैं. पूजा सामग्री में शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. महाशिवरात्रि की पूजा में दही, मौली, अक्षत(चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कुमकुम, पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल के साथ-साथ इन चीजों को भी शामिल करते हैं-
बेलपत्र
भांग
मदार
धतूरा
गाय का कच्चा दूध
चंदन
रोली
कपूर केसर

क्या है मान्यताएं (Mahashivratri Significance)

चार प्रहर में शिव पूजन का विधान

मान्यतानुसार, इस दिन भगवान की पूजा रात्रि के समय एक बार या फिर संभव हो तो चार बार करनी चाहिए. वेदों का वचन है कि रात्रि के चार प्रहर बताये गये हैं. इस दिन हर प्रहर में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी है. इस पूजा से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं.

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिव पूजा (Lord Shiva Puja Vidhi)

  • महाशिवरात्रि के दिन प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
  • भगवान शिव का अभिषेक करें.
  • इस दिन शिवलिंग का बिल्वपत्र, आक, धतूरा, फूल, अक्षत, भस्म आदि से शृंगार करना चाहिए.
  • शिवपुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए.
  • रात्रि में भी शिवजी की आरती और पूजा करनी चाहिए.
  • इस दिन गलत कार्यों, क्रोध, अहंकार से दूर रहें तथा दान-पुण्य करें.

व्रत का पालन (Mahashivratri Vrat Ke Niyam)

  • महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें.
  • व्रत में नियमों का कठोरता से पालन करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है.
  • साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधिपूर्वक करना चाहिए.
  • सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य समय में ही व्रत पारण करना चाहिए.

व्रत के खास नियम

  • महाशिवरात्रि के दिन व्रती को स्नान वाले जल में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए.
  • इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • काले वस्त्र धारण न करें.
  • महाशिवरात्रि निर्जला या फलाहार दोनों तरह से रखा जा सकता है.
  • महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजन से पहले नंदी की पूजा करें.
  • भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं.
  • तत्पश्चात् गंगाजल से स्नान कराएं.
  • अंत में भगवान को बेर और फलों का भोग चढ़ाएं.

Related Articles