क्षेत्र में निवासरत भाजपा नेता ओम जैन बोले-
स्टेडियम का निर्माण उचित है क्योंकि व्यवसायिक स्थल नहीं बनेगा…
उज्जैन। दशहरा मैदान पर पक्की दर्शक दीर्घा (गैलेरी) के निर्माण को लेकर क्षेत्र के रहवासी सहमत नहीं हैं। अधिकांश का कहना है कि खेल को बढ़ावा देने की योजना उचित है लेकिन पक्की गैलेरी के लिए दशहरा मैदान का चयन ठीक नहीं माना जा सकता है।
गैलेरी निर्माण को लेकर दशहरा मैदान रहवासियों की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार हैं लेकिन अधिकांश गैलेरी निर्माण को लेकर सहमत नहीं हैं। दशहरा मैदान पर गैलेरी निर्माण के संबंध में भाजपा के नेता ओम जैन का कहना है कि गैलेरी बनना गलत नहीं हैं।
जहां तक मेरी जानकारी है व्यवसायिक स्थल नहीं बनेगा, इसलिए यह निर्माण उचित है। प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विजय गर्ग का कहना है कि स्टेडियम आमतौर पर शहर के बाहर ही होना चाहिए। यह खेल का मैदान है और इसे मैदान ही रहने देना चाहिए। शहर के मध्य एक खुले मैदान को स्टेडियम के नाम पर कवर करना उचित नहीं हैं।
गैलेरी बनाना हो तो विपरीत दिशा में बनाएं
दशहरा मैदान क्षेत्र निवासी गिरीश जरारे का कहना है कि वे विभिन्न प्रकार के सबसे अधिक कर देने वाले नागरिक हैं। बचपन से वे यहां निवास कर रहे हैं और अब मेरे मकान के ठीक सामने 20-25 फीट का स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। इस तरह का निर्माण क्या उचितहै।
स्टेडियम बनाने को लेकर मेरी आपत्ति है। इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर और अन्य विभागों को आपत्ति भेजी है। खेल को बढ़ावा देने के लिए यदि गैलेरी बनाने है तो वह वर्तमान चयनित स्थल के सामने वाले हिस्से में बनाएं। इसके लिए केवल नागरिक ही नहीं जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदार बनकर सही फैसला करना चाहिए।
मैदान को सीमित किया जा रहा है
एक अन्य नागरिक रवि नाईक का कहना है कि दशहरा मैदान केवल खेल का मैदान नहीं हैं। यह परेड होने के कारण राष्ट्रीय, भगवान महाकाल की सवारी और अन्य धार्मिक आयोजन की वजह से धार्मिक और अनेक सामाजिक गतिविधियों के कारण सांस्कृतिक स्थल भी है। इसे गैलेरी बनाकर सीमित किया जा रहा है, जो अनुचित है। सबसे बड़ी बात यह है दशहरे पर वर्ष में एक बार भगवान महाकाल की पालकी का आगमन होता है और यहां शमी पूजन किया जाता है। गैलेरी बनने के कारण श्रद्धालुओं के लिए मैदान छोटा हो जाएगा। स्टेडियम बनाना ही है तो शहर के बाहर बनाया जाए।