मौसम ने बदली करवट, सर्दियों में रखें अपनी सेहत का ध्यान

By AV NEWS

मौसम ने करवट बदलनी शुरू कर दी है. सर्दियों का ज्यादातर लोगों को इंतजार रहता है क्योंकि इस मौसम में गर्मी से राहत मिल जाती है. ठंडे मौसम में लोगों को भले ही गर्मी से राहत मिल जाती है, लेकिन इसका सीधा असर उनकी दिनचर्या पर पड़ता है. सर्दियों में लोगों के आंतरिक तंत्र प्रभावित होते हैं, सर्दियों का असर हमारी स्किन, बॉडी और एक्टिविटीज पर होने लगता है. वहीं जहां आमतौर पर हम गर्मियों में कम खाना खाते हैं लेकिन उसकी तुलना में सर्दियों में हम ज्यादा खाना खाते हैं. सर्दियों में शरीर से मेहनत भी कम होती है. इसलिए इस मौसम में सभी को अपने हेल्थ का ख्याल रखना चाहिए. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे कि आपको किस प्रकार से सर्दियों में आपकी सेहत पर असर डालती हैं चलिए जानते हैं.

गले से जुड़ी समस्‍या

सर्दी के द‍िनों में गले से जुड़ी समस्‍या होना आम बात है. इस दौरान कभी कभी वायरल इंफेक्‍शन के कारण गले में सूजन आ जाती है. ऐसे में गले में दर्द और खराश होने लगता है. इसके अलावा वायरल इंफेक्‍शन के कारण गले में खराश और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं. ऐसे में इससे बचने के ल‍िए हेल्‍दी डाइट लें और गले में खराश होने पर नमक के पानी से गरारे करें.

सर्दी और जुकाम का खतरा

सर्दी के दिनों में लोग अक्‍सर सर्दी और जुकाम के श‍िकार हो जाते हैं. इसका एक कारण कमजोर इम्‍यून‍िटी भी है. इसके अलावा मौसम में बदलाव का असर शरीर पर पड़ता है जिससे कुछ लोग ठंड की चपेट में आ जाते हैं. सर्दी-जुकाम जैसी बीमार‍ियां एक से दूसरे व्‍यक्‍त‍ि में फैलती हैं ऐसे में इस दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए.

रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

सर्द‍ियों के द‍िनों में ठंडी हवा सीधा रेस्‍प‍िरेटरी ट्रैक्‍ट पर अटैक करती है। इसके कारण नाक बंद होना, नाक बहना, खांसी जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। रेस्‍प‍िरेटरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन के कारण बुखार के साथ सांस लेने की समस्‍या हो सकती है।इसका इलाज करने के ल‍िए डॉक्‍टर से सलाह लें। घरेलू उपायों का इस्‍तेमाल न करें। रेस्‍प‍िरेटरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन से बचने के ल‍िए ताजी हवा में सांस लें, योग करें और कसरत को न छोड़ें।

त्वचा से जुड़ी समस्‍याएं

ठंड के मौसम में त्‍वचा से जुड़ी समस्‍याएं कॉमन हो जाती हैं। ठंड के कारण त्‍वचा रूखी हो जाती है। त्‍वचा में रूखेपन के कारण, त्‍वचा का ख‍िंचना, रैशेज, रेडनेस आद‍ि समस्‍याएं सकती है। ठंड के द‍िनों में हम पानी का सेवन भी कम करते हैं इसल‍िए भी त्‍वचा शुष्‍क हो जाती है। त्‍वचा को ठंड के द‍िनों में भी मॉश्चराइज करते रहें।

खुद को रखें हाइड्रेट

वैसे तो गर्मियों की तुलना में सर्दियों में कम पानी पिया जाता है, शरीर में पानी की कमी ना होने दें वरना इम्यून सिस्टम के साथ ही आपकी शारीरिक क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।लेकिन इस मौसम में आवश्यक मात्रा में पानी पीना चाहिए। वहीं, अगर आप इस मौसम में हर्बल-टी पीते हैं तो इससे एलडीएल कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल भी डाउन होता है।

हृदय स्वास्थ्य

ठंड का मौसम आपके हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है. यह आपके हृदय को अधिक काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; नतीजतन आपका दिल अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त की मांग करता है. दिल में ऑक्सीजन की कम सप्लाई होना फिर दिल द्वारा ऑक्सीजन की अधिक मांग हार्ट अटैक का कारण बनता है. ठंड रक्त के थक्कों को विकसित करने के जोखिम को भी बढ़ा सकती है, जिससे फिर से दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है.

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