युवाओं में हार्ट अटैक का जोखिम क्यों बढ़ता जा रहा है? जानें

भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान और बदलती लाइफस्टाइल के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इन गंभीर बीमारियों में से एक है हार्ट अटैक. दिल का दौरा पड़ना यानी हार्ट अटैक एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो आज के समय में किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले रही है.
पिछले कुछ सालों से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. पहले यह माना जाता था कि हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों को होता है, लेकिन अब यह युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहा है. कई युवाओं की हंसते-खेलते या कोई फिजिकल एक्टिविटी करते समय ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि युवाओं में हार्ट अटैक का जोखिम क्यों बढ़ता जा रहा है.

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दिल का दौरा कब पड़ता है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार हृदय की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो बहुत कम या अवरुद्ध होने से हार्ट अटैक की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. यह तब होता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल से जमा हो जाता है. इस जमाव को प्लाक कहा जाता है. प्लाक के जमा होना धमनियों को संकीर्ण कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो कम हो सकता है. ब्लड फ्लो में पूरी तरह से रुकावट होने से दिल का दौरा पड़ सकता है.

युवाओं में हार्ट अटैक होने के कारण

खराब लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना, बैठे रहने का समय बढ़ने से हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है.

धूम्रपान ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.

शराब ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ा सकती है, जिससे हार्ट पर दबाव बढ़ने लगता है.

ज्यादा तनाव ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ा सकता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है.

नींद की कमी के कारण भी हार्ट अटैक की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है.

हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के उपाय

रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करना सेहत के लिए बेहद जरूरी है.

फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज जैसी हेल्दी चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

धूम्रपान, शराब और सिगरेट का सेवन करने से परहेज करें.

योग, ध्यान या किसी फिजिकल एक्टिविटी के जरिए तनाव को कम किया जा सकता है.

रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें.

नियमित रूप से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी स्वास्थ्य स्थितियों की जांच करवाएं और नियंत्रण में रखें.

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