राजनीतिक दलों के प्रभाव के आगे हमेशा बेबस रही है महाकाल मंदिर प्रबंध समिति

नियम तोडऩे, मर्यादा भंग करने वालों पर अभी तक सख्त कार्रवाई नहीं
महाकाल मंदिर में लड़कियों के डांस पर फिर बवाल
नंदी को भेंट हो चुके हैं छर्रें तो गर्भगृह तक पिस्टल भी पहुंच चुकी है, महिलाओं ने केक काटकर मना लिया था मंदिर में जन्मदिन
उज्जैन।महाकाल मंदिर के नियम और मर्यादा तोडऩे का फिर से एक मामला सामने आया है। महाकालेश्वर परिसर और गर्भगृह में बनाए वीडियो, किसी महिला ने रील्स बनाई तो किसी ने डांस किया ज्योतिर्लिंग महाकाल के गर्भगृह और मंदिर परिसर में बनाए तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष व कलेक्टर ने संबंधित पर कार्रवाई की बात कही है,लेकिन पूर्व में जिस किसी ने भी नियम तोड़े है,उन पर आज तक कठोर कार्रवाई नहीं हुई है।
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महाकाल मंदिर के गर्भगृह और परिसर में बने तीन वीडियो सोशल मीछिया पर वायरल हुए है। इनमें एक वीडियो में जलाभिषेक और दूसरे व तीसरे में परिसर में गाती-नाचतीं युवतियां दिखाई दे रही हैं।
पहले वीडियो में दिखाई दे रही युवती ने इसे एडिट बताया, जबकि दूसरे और तीसरे वीडियो किसके हैं, इस संबंध में मंदिर प्रबंध समिति को भी जानकारी नहीं है। महाकाल मंदिर परिसर में फिल्म धूम के गीत मलंग-मलंग पर एक युवती नृत्य करती दिखाई दे रही है। युवती महाकाल को जल चढ़ा रही है। लाखों मिले, लेकिन कोई तुम सा ना मिला…गीत सुनाई दे रहा है। ओंकारेश्वर मंदिर के सामने युवती रील्स बनाती दिखी। नगाड़े संग ढोल बाजे… गीत सुनाई दे रहा है।
पूर्व में भी हो चुकी है हरकते
महाकाल मंदिर में बनाए वीडियो पहली बार सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हुए हैं। महाकाल मंदिर जन्मदिन पर केक काटने का स्थान भी हो गया था। कुछ वर्ष पहले एक श्रद्धालु ने मंदिर के नंदीगृह में ही अपना जन्मदिन नंदीगृह में केक काट कर मना लिया था। मंदिर में राजनीतिक दल के झंडे के साथ नंदी को छर्रें भेंट करने की घटना भी हो चुकी है। प्रतिबंध के बाद भी मंदिर में प्रवेश कर सेल्फी लेकर शान से वायरल किए जा चुके है।
कुल मिलाकर महाकाल मंदिर में प्रशासनिक नियंत्रण नहीं होने से मनमानी का आलम बना रहता है। मंदिर प्रबंध समिति कार्रवाई बात करने के साथ अधिक से अधिक पुलिस को पत्र और संबंधितों को नोटिस देकर रस्म अदायगी करती है। सख्त कार्रवाई नहीं होने के अभाव में मंदिर के नियम और परंपरा के खिलाफ हरकते होती रहती है।
महत्वपूण्र बात यह है,इस तरह के अधिकांश मसलों पर सत्ता और संगठन से जुडे चेहरे सामने आते है। सत्ता-संगठन किसी का भी,लेकिन नियम-कायदों को तोडऩे में सभी की समान भागीदारी रहीं है।
प्रतिबंध के बाद भी प्रवेश
कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर लोगों के दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद भी एक नेता अपने साथी के साथ नागपंचमी के अवसर पर महाकाल मंदिर शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर तक चले गए थे। वहां की सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर वायरल भी की।
फिल्मी गाने पर वीडियो शूट
महाकाल मंदिर में दर्शन करने आई युवती ने मंदिर परिसर में फिल्मी गाने पर अपना ही वीडियो शूट किया और उसे सोशल मीडिया साइट्स पर डाल दिया. फेसबुक के आधार पर इस युवती की पहचान हुई है,लेकिन इस पर कार्रवाई नही हुई।
पिस्टल के साथ गर्भगृह में प्रवेश
एक स्थानीय नेता तो अपने शीर्ष नेता के आगमन पर इतने उत्साहित हो गए थे, कि कुरते-पायजामे के भीतर ही निजी पिस्टल लेे कर गर्भगृह में पहुंच गए थे। कपड़े के भीतर से झांकती पिस्टल कैमरे की नजर से बच नहीं सकी। मामला उजागर होने पर समिति ने कार्रवाई की बात की पर कुछ नहीं हुआ।
नंदी को छर्रे भेंट: एक राजनीतिक दल की युवा इकाई ने पार्टी का झंडाले जाकर नंदी को छर्रे भेंट कर दिए थे। मामला बिगडऩे पर इससे पल्ला झाडऩे कर सुरक्षा एजेंसी और पुलिस को जिम्मेदार बताया गया था।
मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी
वीडियो की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। महाकाल मंदिर की अपनी मर्यादा नियम है। किसी को भी नियम-परंपरा तोडऩे नहीं दी जाएगी।– आशीष सिंह, कलेक्टर व अध्यक्ष, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति