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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रवासी भारतीयों को किया सम्मानित

17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुई। उन्होंने विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया।

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इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा भारत का मंत्र है, वसुधैव कुटुम्बकम आज कई चुनौतियां है, जिनसे निपटने के लिए भारत दुनिया के साथ मिलकर काम कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम किया जा रहा है। आजादी के 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।प्रवासी भारतीयों ने हार्ड वर्क से देश का नाम किया।मुझे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आकर बहुत ही खुशी हो रही है।

 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर प्रवासी भारतीयों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।

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मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति, केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, एमपी के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद रहे।

राष्ट्रपति बोलीं- वसुधैव कुटुंबकम भारत का मंत्र

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत का प्राचीन मंत्र है वसुधैव कुटुम्बकम। भारत पूरे विश्व को परिवार मानकर काम कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज कई चुनौतियां है, जिनसे निपटने के लिए भारत दुनिया के साथ मिलकर काम कर रहा है। भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है। राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीयों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने हार्ड वर्क से देश का नाम किया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आकर बहुत ही खुशी हो रही है।

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