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रोड एक्सीडेंट के मामले में इंदौर जिला अदालत का ऐतिहासिक फैसला

सड़क हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण कई परिवार बेसहारा हो जाते हैं। ऐसी ही एक दुर्घटना 4 अप्रैल 2019 को सिहोरा बायपास के पास हुई थी जिसमें अपनी कार से जा रहे कौसर अली को एक ट्रक द्वारा टक्कर मार दी गई थी। इसमें कौसर अली की मौके पर ही मृत्यु हो गई।

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कौसर अली के परिजन द्वारा अधिवक्ता राजेश खण्डलेवाल उनके सहयोगी सतीश कुमावत व राकेश पटेल ने इंदौर में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष क्लेम दावा प्रस्तुत कर क्षतिपूर्ति की मांग की थी। कौसर अली कंस्ट्रक्शन और ट्रांसपोर्ट सर्विसेस का काम करते थे जिसको देखते हुए ट्रक की बीमा कंपनी को 4 करोड़ 85 लाख 39 हजार देना हैं।

बीमा कंपनी को इस रकम पर मई 2019 से 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ब्याज सहित मुआवजे की रकम 6 करोड़ 14 लाख रुपए बनती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उक्त रकम में से डेढ़ करोड़ रुपए मृतक की पत्नी के खाते में नकद जमा कराए जाएं।

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यह भी आदेश दिया गया कि यदि बीमा कंपनी 2 माह में राशि नहीं देती है तो ब्याज 9 प्रतिशत की दर से देना होगा।मुआवजे की रकम में से 50 प्रतिशत पत्नी को, 25 प्रतिशत पुत्र को और शेष 25 प्रतिशत माता-पिता को प्राप्त होगा। हादसे में तीन अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई थी।

न्यायालय ने उनके स्वजन को भी करीब 36 लाख रुपए मुआवजा दिलवाया है।मृतक कौसर अली के परिजनों की ओर से प्रकरण में पैरवी करने वाले अधिवक्ता राजेश खण्डलेवाल व उनके सहयोगी अधिवक्ताओं ने बताया कि संभवतः मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार न्यायालय इंदौर द्वारा किसी दुर्घटना में इतनी राशि का आदेश दिया गया है।

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