विश्व शांति की कामना के साथ मुनिश्री आराध्य सागर महाराज कर रहे 496 उपवास की आराधना

उज्जैन। चर्या शिरोणमणी आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्य मुनि आराध्य सागर महाराज द्वारा समस्त रोगों से मुक्ति, सभी जीवों के कल्याण एवं विश्व शांति की कामना के साथ 540 दिन में 496 उपवास की उग्र तप आराधना की जा रही है।
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जैन मित्र मंडल के अध्यक्ष नितिन डोसी ने बताया मुनिश्री आराध्य सागर एवं मुनिश्री साध्य सागर महाराज का फ्रीगंज स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर पर चार्तुमास चल रहा है। मुनिश्री आराध्य सागर महाराज द्वारा विश्व कल्याण की भावना के साथ सिंह निष्क्रिडि़त ‘उत्तम’ व्रत की कठोर आराधना की जा रही है। महाराज का 133 उपवास के उपरांत निर्धारित क्रम अनुसार समाजसेवी प्रदीप झांझरी के निवास स्थल पर निर्विघ्न पारणा (आहार) संपन्न हुआ। मुनिश्री द्वारा उक्त व्रत की आराधना 18 अप्रैल 2020 से प्रारंभ हो गई थी। 19 सितम्बर को संपन्न पारणा के पश्चात लगातार 11 दिन के उपवास के पश्चात आज पुन: पारणा हुआ। निर्धारित क्रम अनुसार अब अगला पारणा 14 दिन पश्चात 15 अक्टूबर को होगा।
स्मरण रहे कि मुनिश्री द्वारा उक्त व्रत के जघन्य स्वरूप की आराधना 2016 में भिलाई में 80 दिवस में 60 उपवास की तथा 2018 में वाशिम में मध्यम स्वरूप के साथ 186 दिवस में 153 उपवास की आराधना पूर्व में संपन्न की जा चुकी है। वर्तमान में यह उज्जैन शहर के लिये बड़े गर्व का विषय है कि ऐसे महान तपस्वी की साधना संपन्न कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। लगभग 540 दिन में (18 माह में) 496 उपवास की इस तपस्या का अंतिम महापारणा नवम्बर 2021 में होगा। ऐसी कठिन तप आराधना करने वाले वर्तमान समय में अन्य कोई मुनि महाराज नहीं है। हम सभी शहर के समाजजन पूज्य मुनिश्री आराध्य सागरजी महाराज की इस कठोर तपस्या की अनुमोदना करते हैं।