शीतलहर और पाले से कैसे बचाएं फसल

By AV NEWS

सर्दी का मौसम शुरू होते ही सबके सामने ठंड एक समस्या बनकर खड़ी हो जाती है। जब सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है, उस वक्त किसानों को भी अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगती है। कड़क सर्दी के कारण फसलों पर पाला पड़ने की आंशका बढ़ जाती है, जिससे रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। किसान चाहते हैं कि वे पाले से किसी भी तरह अपनी आलू, अरहर, चना, सरसों, तोरिया, बागवानी फसलें, गेहूं, जौ आदि को बचाए।

पाले से बचाव एवं सुरक्षा के लिए पाले का पूर्वानुमान लगाना अत्यधिक आवश्यक होता है। प्राय: पाला पडऩे की संभावना उस रात में ज्यादा रहती है जब ये स्थितियां बनती हैं-

जब दिन के समय ठंड अत्यधिक हो परंतु आकाश साफ हो।

भूमि के निकट का तापमान शून्य डिग्री सेंटीग्रेड अथवा और कम हो।

शाम के समय हवा अचानक रुक जाए एवं हवा में नमी की अत्यधिक कमी हो।

सुरक्षा के उपाय

खेत की सिंचाई की जाए –

यदि पाला पडऩे की संभावना हो या मानसून विभाग से पाला पडऩे की चेतावनी दी गई हो तो फसलों की हल्की सिंचाई करें जिससे खेत के तापमान में 0.5 से 2 डिग्री से.ग्रे. तक वृद्धि हो जाएगी इससे फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

पौधों को ढकें –

पाले से सर्वाधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी में पौधों को प्लास्टिक की चादर, पुआल आदि से ढंक दें ऐसा करने से प्लास्टिक के अन्दर का तापमान 2-3 डिग्री से. ग्रे. तक बढ़ जाता है जिससे तापमान जमाव बिन्दु तक नहीं पहुंच पाता और पौधा पाले से बच जाता है। पौधों को ढकते समय इस बात का ध्यान रखें कि पौधे का दक्षिण-पूर्वी भाग खुला रहे ताकि उन्हे सुबह और दोपहर को धूप मिलती रहे।

खेत के पास धुआँ करना-

फसल को पाले से बचाने के लिए खेत के किनारे धुआँ करने से तापमान में वृद्धि होती है जिससे पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है।

रस्सी द्वारा –

पाले के समय रस्सी का उपयोग करना काफी प्रभावी रहता है, इसके लिए दो व्यक्ति सुबह के समय (भोर में) एक रस्सी को उसके दोनों सिरों में पकडक़र खेत के एक कोने से दूसरे कोने तक फसल को हिलाते हैं, जिससे फसल पर पड़ी हुई ओस नीचे गिर जाती है और फसल सुरक्षित हो जाती है ।

पाले से बचाव के दीर्घकालीन उपाय

फसलों को पाले से बचाने के लिए खेत के उत्तर-पश्चिम मेड़ पर तथा बीच-बीच में उचित स्थान पर वायु रोधक पेड़ जैसे- शीशम, बबूल, खेजड़ी, आड़ू, शहतूत, आम तथा जामुन आदि के लगाए जाएं तो सर्दियों में पाले व ठण्डी हवा के झोकों के साथ ही गर्मी में लू से भी बचाव हो सकता है।

गुनगुने पानी का छिडक़ाव-

प्रात: काल फसल पर हल्के गुनगुने पानी का छिडक़ाव हो सकता है, छोटी नर्सरी या बगीचे में इस तकनीक का उपयोग सरलता से किया जा सकता है ।

वायुरोधी टाटिया का उपयोग-

नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों को पाले से ज्यादा नुकसान होता है अत: वायुरोधी टाटिया को नर्सरी में हवा आने वाली दिशा की तरफ से बांधकर क्यारियों के किनारों पर लगाएं तथा दिन में हटा दें ।

अत: देखा जा सकता है कि पाले के कारण रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। किसान बंधु ऊपर वर्णित किसी भी विधि का उपयोग अपनी सुविधा अनुसार कर पाले से फसल का बचाव कर सकता है ।

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