सबसे पहले भगवान महाकाल को बंधेगी राखी, भद्र का साया नहीं

उज्जैन।भाई-बहनों का पवित्र त्यौहार रविवार को मनाया जाएगा। इस बार इस पर्व पर भद्रा का साया नहीं है। ऐसे में दिनभर शुभ शुभ मुहूर्त राखी बांध सकेंगे। परंपरानुसार सबसे पहले भगवान महाकाल को बंधेगी राखी। भगवान बड़े गणेश की कलाई पर भी ५१ फीट की राखी बंधेगी।
भगवान महाकाल के आंगन में श्रावणी पूर्णिमा पर रविवार को सबसे पहले राखी मनाई जाएगी।

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तड़के तीन बजे भस्मआरती होगी और सुबह 7.30 बजे पुजारी भगवान महाकाल को राखी बांधकर लड्डुओं का महाभोग लगाएंगे। लोकमान्यता में महाकाल उज्जैन के राजा हैं। इसलिए हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाए जाते हैं। श्रावणी पूर्णिमा पर रविवार को रक्षा बंधन का त्योहार भी यहीं से शुरू होगा। भस्माआरती करने वाले पं. संजय पुजारी परिवार की ओर से भगवान को लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा श्रावणी पूर्णिमा पर श्रावण मास का समापन होता है। श्रावण में पूरे माह उपवास करने वाले भक्त इस दिन लड्डू प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही पारणा (उपवास खोलते) करते है।

बड़े गणेश का राखी
महाकाल मंदिर के पास स्थित भगवान बड़े गणेश की कलाई पर ५१ फीट की राखी बांधी जाएगी। भगवान को पुजारी परिवार की ओर से नाग राखी बंधेगी। देश और विदेश से भक्तों द्वारा भेजी जाने वाली राखी बंधेगी।

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श्रावणी उपाकर्म
श्रावणी पूर्णिमा पर रविवार को शिप्रा किनारे स्थित सिद्धवट पर श्रावणी उपाकर्म होगा। अभा ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रात: ९ बजे आचार्य द्वारकेश व्यास के निर्देशन श्रावणी उपाकर्म होगा।

पर्व पर शुभ मुहूर्त

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार, रक्षाबंधन पर भद्रा का दोष नहीं है, इसलिए सुबह से रात तक राखी बांध सकेंगे।

सुबह 7.30 से 9.00 बजे तक चंचल नसुबह 9.00 से 10.30 बजे तक लाभ

सुबह 10.30 से 12 बजे तक अमृत

11 से दोपहर 12.30 बजे तक शुभ अभिजीत

दोपहर 1.30 से दोपहर 3.00 बजे तक शुभ

शाम 6.50 बजे प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त रहेगा।

शाम 7.00 से 8.30 बजे तक शुभ

रात 8.30 से 10 बजे तक अमृत का चौघडिय़ा रहेगा।

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