सभी के मन में एक ही सवाल…प्रशासन की बात सही या नेताओं की…?

बात बिनोद मिल की चाल के खाली करवाए गए मकानों के रहवासियों की

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सभी के मन में एक ही सवाल…प्रशासन की बात सही या नेताओं की…?

उज्जैन।बिनोद मिल की चाल के खाली करवाए गए मकानों के रहवासियों के बीच रविवार सुबह इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे नेता सही है या प्रशासन।

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बहस का मुद्दा था मकानों को लेकर बनाया गया पत्र।एसडीएम कल्याणी पाण्डेय के अनुसार रहवासियों के साथ एक सहमती पत्र बना है, न कि अनुबंध पत्र। इसमें उल्लेख है कि शासन की जो भी योजनाएं आवास को लेकर आएगी,उस अनुसार खाली करवाए गए मकानों के रहवासियों को मकान उपलब्ध करवाने में जिला प्रशासन मदद करेगा। बैंक से ऋण दिलवाया जाएगा। इसके अलावा किसी प्रकार का अनुबंध नहीं किया गया है।

इधर कांग्रेस नेता रवि राय के अनुसार कांग्रेस ने और मिल मजदूर संघ ने मिल मजदूरों के परिवारों के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी है। शनिवार को यह अनुबंध हुआ है कि दो बीएचके के फ्लेट प्रशासन द्वारा शासन की योजना अनुसार बनवाकर दिलवाए जाएंगे। कलेक्टर गाइड लाइन पर परिवारों को केवल रूपए देना होंगे।

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यह बहुत ही सस्ती दर पर मिलेंगे,जिसकी किस्त ये परिवार वहन कर सकेंगे। इसके लिए तीन स्थानों पर जमीन चिंहित की गई है। पहली नरेश जिनिंग फैक्ट्री की,दूसरी कानीपुरा रोड़ की तथा तीसरी हरिओम तोलकांटा क्षेत्र की। उन्होने मांग की कि प्रशासन को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। ताकि हर परिवार को यह पता रहे कि भविष्य में क्या होनेवाला है? अभी भी अधिकांश परिवार संशय में है।

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