सर्दी के मौसम में हेल्थ के लिए खास टिप्स

जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, आदि समस्याएं बहुत ज्यादा परेशान करती हैं…
उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है। ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है। क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?
ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है। वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं।
नियमित व्यायाम
सर्दियों में छोटे दिन और अधिक ठंड के कारण लोगों में आलस एक आम समस्या बन जाती है। गतिविधियों में कमी के कारण जोड़ों में जकडऩ और दर्द के साथ वजन भी बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी कुछ ही समय में मांसपेशियों और शरीर को कमजोर बना देता है।
जब कि एक्सरसाइज से न सिर्फ मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है बल्कि शरीर में जरूरी रसायन भी रिलीज होने लगते हैं। इस से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, जिस की मदद से व्यक्ति हर वक्त स्वस्थ महसूस करता है।
संतुलित वजन
सर्दी का मौसम त्यौहारों और छुट्टियों से भरा होता है जिस के कारण अक्सर लोग इस मौसम में वजन बढ़ा लेते हैं। जबकि संतुलित वजन जोड़ों में लचीलापन बढ़ाता है और उन पर अतिरिक्त दबाव भी नहीं पड़ता है। जिस से दर्द में राहत मिलती है।
संतुलित, स्वस्थ और प्राकृतिक आहार जिस में जरूरी मिनरल्स और विटामिन जैसे कि कैल्शियम और विटामिन डी जुड़े होते हैं, जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी हड्डियों की मजबूती, लचीलेपन, नमी आदि के लिए जि़म्मेदार माना जाता है इसलिए इस का सेवन बेहद जरूरी है। इस के लिए धुप में बैठने के अलावा विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।
समझदारी से गर्म कपड़े पहनें
सर्दी के मौसम में हमारे कपड़े ठंड से बचाव में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इस का मतलब यह नहीं है कि आप शरीर पर कपड़ों का भंडार लगा लें। इस प्रकार के कपड़े पहने जो शरीर को गर्माहट तो दें साथ ही चलनेफिरने में समस्या भी न पैदा करें। भारी और मोटे कपड़ों से काम करना मुश्किल हो जाता है।
आप एक साथ कई कपड़े पहन सकते हैं लेकिन वे भारी बिल्कुल नहीं होने चाहिए। इस का फायदा यह होगा कि आप गर्म वातावरण में कपड़ों को कम कर सकते हैं। हाथ और पैरों को ठंड से बचाने के लिए दस्तानों और मोज़ों का इस्तेमाल करें। बेहतर रक्त प्रवाह, लचीलापन, दर्द में राहत के लिए हीट थेरेपी का इस्तेमाल करें। हॉट वॉटर बॉटल, गर्म पानी से स्नान आदि इसके अच्छे विकल्प हैं।
जल्द से जल्द मदद लें
हम सभी ने यह अनुभव किया है कि ठंडे मौसम में चोट हमें ज्यादा परेशान करती है। इसलिए अपने दर्द को नजऱअंदाज़ न करें क्योंकि घुटनों और पीठ में हल्का दर्द भी जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है। कई बार लोग इसे बढ़ती उम्र की समस्या मानकर इलाज करवाने से परहेज करते हैं जो समस्या को गंभीर बनाता है। यदि दर्द समय के साथ ठीक नहीं होता है तो समस्या क्रोनिक हो जाती है। क्रोनिक दर्द से ग्रस्त लोगों का जीवन उस दर्द से राहत पाने की तरफ काम करने में ही निकल जाता है। विश्वस्तर पर, लगभग 20 प्रतिशत आबादी क्रोनिक दर्द का शिकार है।