साँसों की दुर्गन्ध से छुटकारा दिलवाएंगें ये नेचुरल माउथ फ्रेशनर

By AV NEWS

मुंह की बदबू के कारण आपको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। खाना खाने के बाद खाने के अंश दाँतों में फंसे रह जाने से उनमें सड़न पैदा हो जाती है जिससे मुंह में बदबू आने लगती है। साथ ही लहसुन, प्याज़ जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी सांसों में सड़न पैदा हो जाती है। मुंह की बदबू और सांसों की सड़न को दूर करने के लिए माउथ- फ्रेशनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन बाजार में मिलने वाले माउथ-फ्रेशनर का इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है। घर में पाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ भी माउथ-फ्रेशनर का कार्य करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ नेचुरल माउथ फ्रेशनर के बारे में बताएंगें।

इन फ़ूड आइटम्स से बनाएं नेचुरल माउथ फ्रेशनर 

1. लौंग 

लौंग में मौजूद ईयूजीनोल कंपाउंड सांसों की दुर्गंध को कम करता है। लौंग सांसों की दुर्गंध पैदा करने के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। सांसों की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए (remedies to cure bad breath) दिनभर में 2-3 लौंग चबा सकती हैं।

2. इलायची

इलायची एक नेचुरल माउथ- फ्रेशनर का कार्य करती है। इलायची में प्राकृतिक सुगंध होती है। इसके एरोमेटीक गुणों के कारण इलायची के दानों को चूसने से या खाने के बाद इलायची खाने से सांसों की बदबू से निजात मिलती है।

3. दालचीनी

दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए दालचीनी का सेवन करने से मुंह के बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसके लिए पानी में दालचीनी डालकर उबालें और फिर इसके ठंडा होने पर कुल्ला कर लें जिससे मुंह की बदबू दूर हो जाती है। सांसों में ताजगी पैदा करने के लिए दालचीनी का एक नेचुरल माउथ फ्रेशनर की तरह उपयोग करना लाभकारी होता है।

4. सौंफ 

भारत में सांसों की दुर्गंध से निपटने के लिए पारंपरिक रूप से सौंफ़ का प्रयोग होता आया है। सौंफ़ में मौजूद रोजमेरिक एसिड जैसे फाइटोकेमिकल दांतों के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह दांतों को साफ करने के लिए भी जाना जाता है। सांसों से दुर्गंध आने पर एक टी स्पून सौंफ चबाया जा सकता है। इसके अलावा, सौंफ को पानी में उबाल कर इसके पानी से गरारे भी किये जा सकते हैं।

5. पुदीने की चाय

पुदीने में मिन्थॉल होता है जिसमें एरोमेटिक गुण होते हैं इसलिए यह मुंह की बदबू को कम करने के लिए काफी कारगर होता हैं। पुदीने की पत्तियों की चाय पीने से पाचन बेहतर होता है और सांसों में ताजगी आती है।

6. नींबू

नींबू के रस में विटामिन सी होता है और साथ ही एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए खाना खाने के बाद नींबू पानी पीने या नींबू के पानी से कुल्ला करने से सांसों की बदबू को कम करने में मदद मिलती है।

7. पान 

पान चबाने से कई औषधीय लाभ मिलते हैं। यह सांसों की दुर्गंध को रोकता है। सांसों को सुगंधयुक्त बनाता है। पान का फेनोलिक कम्पाउंड मसूड़ों को मजबूत बनाता है और दांतों की रक्षा करता है। सांसों की दुर्गंध को कम करने के लिए भोजन के बाद पान के एक पत्ते को चबा सकती हैं।

8. तुलसी 

तुलसी की कुछ पत्तियां चबाने से मुंह में संक्रमण और अल्सर ठीक हो सकते हैं। धूप में सुखाए गए तुलसी के पत्तों के पाउडर का उपयोग दांतों को ब्रश करने के लिए किया जा सकता है। इससे सांसों की दुर्गंध को दूर करने और मसूड़ों के विकारों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। सांसों की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियां चबाई जा सकती है।

9. भुने धनिये के बीज
लगभग हर भारतीय रसोई में पाया जाने वाला यह मसाला अपने स्वाद के लिए जाना जाता है जो इसे भारतीय व्यंजनों का एक अनिवार्य हिस्सा बनाता है। धनिया के बीज में सिट्रोनेलोल नामक यौगिक मौजूद होता है जो सांसों को ताज़ा करने में मदद करता है और अपने एंटीसेप्टिक गुण के कारण मुंह में घावों और अल्सर का इलाज भी करता है। ये बीज फाइटोन्यूट्रिएंट्स और विटामिन से भरपूर होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं।
10. गुलकंद
ताज़ी गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से बना एक मीठा गुलकंद, एक प्राचीन और लोकप्रिय व्यंजन है जिसका आयुर्वेद में इसके पोषण और उपचार लाभों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। यह कई स्वास्थ्य लाभों के साथ एक बेहतरीन माउथ फ्रेशनर भी बनता है। यह मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करता है और प्रभावित क्षेत्र के आसपास ठंडक प्रदान करता है।
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