सामान्य दिनों में भी यहां हवाओं में घूल रहा जहर…

दीपावली पर महाकाल क्षेत्र की हवाएं नगर निगम और भरतपुरी से ज्यादा प्रदूषित हुई

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:दीपावली पर्व पर पटाखे जलने से महाकाल क्षेत्र की हवाएं शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषित हुई है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआर) दीपावली की रात ३५९ पहुंच गया। हवाओं का इतना ज्यादा प्रदूषित होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण आम लोगों में खांसी और जुकाम होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां का वायु प्रदूषण पिछले साल की तुलना में ५९ एक्यूआर बढ़ गया है।

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली पर वायु प्रदूषण की जांच के लिए शहर में तीन स्थानों पर आरडीएस (रिपायरल डस्ट सैंपलर) लगाए थे। पहला भरतपुरी क्षेत्र दूसरा नगर निगम आगर रोड़ और तीसरा महाकाल मंदिर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की जांच की गई।

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प्रभारी मनीष सिंह ने बताया ५ नवंबर को सामान्य दिनों का और दीपावली का एक्यूआर जांचा गया। दीपावली पर सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण महाकाल क्षेत्र में पाया गया। भरतपुरी में दीपावली पर एक्यूआर ३१३ था। नगर निगम आगर रोड़ पर २९२.०५ और महाकाल क्षेद्ध में ३५९ एक्यूआर पाया गया।

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डॉ जितेंद्र शर्मा के मुताबिक वातावरण में वायु प्रदूषण बढऩे पर श्वास के रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। सामान्य लोगों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ता है, सर्दी-खांसी और कफ की समस्या बढ़ जाती है।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार १५० एक्यूआर से ज्यादा वायु प्रदूषण हानिकारक होता है।

पिछले साल की तुलना में भी बढ़ा हुआ

गत वर्ष की तुलना में भी शहर और महाकाल क्षेत्र का वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। पिछले साल दीपावली पर महाकाल क्षेत्र का प्रदूषण ३०० एक्यूआर मापा गया था जो इस साल ५९ एक्यूआर बढ़ा हुआ है।

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