बात जिला अस्पताल की आयसीयू की…
उज्जैन। जिला अस्पताल की सितंबर, 22 से बंद पड़ी आयसीयू को लेकर सिविल सर्जन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के भोपाल स्थित इंजीनियर के बीच जुबानी जमा-खर्च जारी है। सिविल सर्जन ने अब इंजीनियर से पूछा है कि वे बताएं कि कितना अलाटमेंट आया और कितना खर्च किया। जितना भी हमारी आयसीयू का पुराना सामान था, वो सब तो पुन: काम में ले लिया। यहां तक कि एल्युमिनियम सेक्शन का कांच और पत्तियों को साफ करके फिर से लगा दी।
सितंबर, 22 से बंद पड़ी आयसीयू को लेकर अक्षरविश्व ने मुहिम छेड़ी थी कि यह जल्द से जल्द चालू हो। साथ ही अंदर दिख रही काम की अनियमितता को लेकर सच्चाई सामने आए। इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ.पी.एन. वर्मा ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के भोपाल स्थित इंजीनियर मनोज शर्मा ही बता सकेंगे कि कितनी राशि आवंटित हुई और कितनी राशि खर्च की गई। अभी तक आयसीयू चालू नहीं हो पाई है, वहीं अंदर टाइल रंगबिरंगी लगी है। जमीन पर भी पुरानी उखड़ी टाइल लगा दी है।
ऐसे हालातों में आयसीयू का डे-कोरम ही खत्म हो गया है। डॉ. वर्मा ने आरोप लगाया कि पुराना एल्युमिनियम सेक्शन था। उसकी पत्तियों और कांच को साफ करके फिर से लगा दिया। पुरानी उखड़ी टाइल लगा दी। अलग-अलग रंग की और गंदी टाइलें थेगले जैसी लग रही है। पूछते हैं तो कोई जवाब नहीं दिया जाता है। इस पर इंजीनियर मनोज शर्मा ने अक्षरविश्व से चर्चा में दावा किया था कि हम तो सिर्फ मरम्मत का पूछने गए थे। वे काम बताते चले गए और हमने रुपए खत्म हो गए तो पुरानी टाइल लगा दी। मनोज शर्मा के अनुसार कितनी राशि आवंटित हुई और कितनी खर्च, यह जानकारी मिशन संचालक से ले लें।
यहां भी कोई नहीं ले रहा सुध…
इस बीच आयसीयू बंद है और मरीज शा.माधवनगर में परेशान हो रहे हैं क्योंकि वहां प्रथम तल पर स्थित आयसीयू को ही संचालित किया जा रहा है। ओल्ड आयसीयू को इसलिए शुरू नहीं किया जा रहा है क्योंकि स्टॉफ का आरोप है कि सीएमएचओ नया स्टॉफ नहीं दे रहे। ऐसे में संचालित कैसे होगी?