मेरी छत पर बनेगी….मेरी बिजली…ऊर्जा देगा सूरज
उज्जैन।मेरी छत पर बनेगी मेरी बिजली की भावना से प्रेरित होकर शहर के कई विद्युत उपभोक्ता सोलर सिस्टम लगाने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इससे उनके बिजली बिलों में भारी कमी आ रही हैं। साथ ही ग्रीन एनर्जी को भी बढ़ावा मिल रहा है।
बता दें कि शहर के घर, दुकानों, मॉल, औद्योगिक परिसर, कार्यालयों की छत, स्कूल, कॉलेजों आदि में सूरज की किरणों से बिजली तैयार की जा रही है। ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप सिस्टम योजना के तहत प्रतिमाह सैंकड़ों उपभोक्ता जुड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री राजेश हारोड ने बताया कि कंपनी के आदेशानुसार रूफटॉप सोलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि लोग अपने घर के बिजली खर्च में ८० से ९० प्रतिशत की कटौती कर सके।
इस योजना के अंतर्गत घरों की छतों पर जितनी बिजली मीटर में दर्ज होती है, वह उस उपभोक्ता की वास्तविक खपत में से कम हो जाती है। इस तरह उपभोक्ता को काफी कम राशि का बिल दिया जाता है, वहीं विद्युत कंपनी के कार्यपालन यंत्री सतीश कुमरावत ने बताया कि वर्तमान में कंपनी क्षेत्र के पूर्व शहर संभाग में ५४५ स्थानों, परिसरों, छतों का उपयोग सूरज की किरणों से पैनल्स के माध्यम से बिजली बनाने में हो रहा है। इस योजना से जुड़कर लोग बिजली का उत्पादन कर खुद उपयोग करने के साथ विद्युत कंपनी को बिजली बेच भी सकते हैं।
जन-जागरूक अभियान
रूफटॉप सोलर योजना को बढ़ावा देने के लिए मप्र विद्युत वितरण कंपनी शहरभर में शिविर आयोजित कर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा रही हैं। शिविर में सोलर सिस्टम से संबंधित हर बात की पुख्ता जानकारी लोगों को दी जा रही है। रविवार को अरविंद नगर क्षेत्र मेें शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने योजना की जानकारी ली। शिविर में सोलारका के आयुष जैन, मंगलम सोलर पॉवर के अशोक शर्मा सहित कंपनी के कार्यपालन यंत्री रत्नेश अयाची, सब इंजीनियर एम के जायसवाल मौजूद रहे।
केवल घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगी सब्सिडी
रूफटॉप सोलर योजना के अंतर्गत केवल घरेलू उपभोक्ताओं को ही सब्सिडी का प्रावधान है। अगर कोई घरेलू उपभोक्ता 3 किलोवाट तक सोलर रूफटॉप पैनल लगाते हैं, तो आपको सरकार द्वारा 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी और यदि वह 3 किलोवाट से अधिक का पैनल लगाता हैं तो उसे सरकार की ओर से 20 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी।
यह योजना राज्यों में स्थानीय विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। सोलर रूफ टॉप संवर्धन के तहत लगाए जाने वाले २ किलो वॉट तक के सोलर पर करीब १.४५ हजार रुपए का खर्च आएगा, जिसमें ४० हजार रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी जो कि उपभोक्ता के खाते में जमा हो जाएगी, वहीं ३ किलो वॉट तक के सोलर पर करीब १.९० हजार रुपए का खर्च आएगा। जिसमें करीब ७० हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी जो कि उपभोक्ता के खाते में जमा हो जाएगी।
उज्जैन शहर में 1000 से ज्यादा सोलर प्लांट
इंदौर के बाद अब उज्जैन जिले में भी सोलर रूफटॉप सिस्टम को पसंद किया जा रहा है। सबसे ज्यादा घरेलू उपभोक्ता इस योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं। एक जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में उज्जैन शहर में १००० से ज्यादा घरों की छतों पर सोलर पैनल लगे है।
वहीं करीब २०० गैर घरेलू स्थानों व परिसरों का उपयोग बिजली पैदावार में किया जा रहा है। आमतौर पर एक मध्यमवर्गीय परिवार में 2-3 पंखे, 1 फ्रीज, ४-५ टयूब लाइट, 1 पानी की मोटर, एक कूलर, एक प्रेस जैसे उपकरण चलाए जाते हैं। ऐसे में हर दिन आपको 6 से 8 यूनिट बिजली की जरूरत पड़ेगी। 6 से 8 यूनिट रोजाना उत्पादन के लिए हर उपभोक्ता 2 किलोवाट का सोलर पैनल अपने घर की छत पर इंस्टॉल करवा सकते हैं।
सोलर पैनल सिस्टम लगवाने के फायदें
सोलर पैनल सिस्टम को ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है क्योंकि सौर पैनलों से ऊर्जा उत्पन्न करने में कोई प्रदूषण नहीं होता है।
सोलर पैनल सिस्टम पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश पर आधारित है।
सोलर पैनल सिस्टम से बिजली बनाने के लिए कोयला, पेट्रोल और डीजल का उपयोग नहीं करना पड़ता है।
सोलर पैनल सिस्टम के उपयोग से हर महीने बिजली बिल के खर्च से बचा जा सकता हैं।
सोलर सिस्टम से बिजली का उत्पादन कर उपभोक्ता खुद उपयोग करने के साथ विद्युत कंपनी को बिजली बेच भी सकते हैं।