सोशल मीडिया पर फर्जी बीएलओ ऐप डाउनलोड

निर्वाचन की तैयारी में साइबर ठगों की चुनौती

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन वर्ष के अंत में होने वाले चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तैयारियों में जुटे राज्य निर्वाचन के सामने साइबर ठगों की नई चुनौती पैदा कर दी है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में वोटर लिस्ट के काम में लगे कर्मचारियों से फर्जी एप डाउनलोड कर खाते खाली होने की शिकायत सामने आने के बाद अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी बीएलओ को सतर्क रहने की सलाह देने के साथ कलेक्टरों, जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि बूथ लेबल ऑफिसर यानी बीएलओ के नाम से वोटर्स को सोशल मीडिया के जरिए फर्जी बीएलओ ऐप डाउनलोड करा कर उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। तमाम माध्यमों से जानकारी मिलने के बाद अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सभी कलेक्टरों, जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए पत्र के मुताबिक निर्वाचन आयोग को जानकारी मिली है कि बीएलओ को सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब आदि की लिंक के जरिए बीएलओ एप के नाम से दूसरा कोई फर्जी एप डाउनलोड करा कर एनीडेस्क के जरिए धोखाधड़ी की जा रही है।

वोटर लिस्ट के काम में लगे बीएलओ के साथ यह ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। बीएलओ को उनके मोबाइल पर फर्जी कॉल कर संबंधित मतदान केंद्र के बीएलओ ऐप में लॉग इन कर विवरण मुहैया कराने के साथ ही उन्हें गूगल प्ले स्टोर से फर्जी बीएलओ एप डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है। इसकी डाउनलोडिंग में कठिनाई बताते हुए मोबाइल या कंप्यूटर को एनीडेस्क एप्लीकेशन के जरिए बीएलओ के अकाउंट से पैसे को फर्जी तरीके से ट्रांसफर कर रहे हैं।

सभी बीएलओ को सतर्क रहने की सलाह

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह साफ किया है कि भारत निर्वाचन आयोग या मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा किसी भी सोशल मीडिया या टेलिफोनिक माध्यम से कोई भी ऐप डाउनलोड करने के निर्देश नहीं दिए जाते। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने जिले, तहसील कार्यालय में विधानसभा के सुपरवाइजर से संपर्क करें। इस प्रकार की जानकारी के प्रति लोगों को सजग करें। खास तौर पर बीएलओ को इस मामले में जागरूक करने की सलाह दी गई है।

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