स्वीट कॉर्न की खेती
भारतीय किसान अपनी आय को दोगुना करने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ-साथ नई-नई खाद्यान्न फसलों की खेती में भी हाथ आजमा रहे हैं। क्योंकि आजकल देश के बाजारों सहित विदेशी बाजारों में भी नई खाद्यान्न फसलों की मांग काफी अधिक है। ऐसे में खाद्यान्न फसलों की रानी कहीं जाने वाली मक्का के बारे में कौन नहीं जानता होगा। मक्का ने अपने पारंपरिक स्वाद से लोगों के बीच अपनी एक विशेष जगह बनाई है।
बरसात के मौसम में भुट्टे का स्वाद लेने के लिए लोगों के मन में एक अलग ही ललक उठती है। फाइबर से भरपूर मक्का सेहत के लिए फायदेमंद होती है। जिसके कारण मक्का से बने उत्पाद जैसे मक्के का आटा, पॉपकॉर्न, बेबीकॉर्न, कॉर्नफ्लेक्स और स्वीटकॉर्न की बाजारों में मांग है।
देश में इससे बने उत्पादों का उपयोग तो हर घर में होता ही है। विदेशों में भी इसके उत्पादों की मांग अधिक है। आज किसान मक्के की अलग-अलग वैरायटी की कम लागत व समय में खेती कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
स्वीट कॉर्न मक्के की मीठे दाने वाली किस्म
गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के फसल विज्ञानी के अनुसार, स्वीट कॉर्न मक्के की ही एक बेहद मीठी दाने वाली किस्म है। मक्का की फसल के भुट्टे में जब दाने तैयार हो रहे होते हैं, तो ये दाने मुलायम और दूधिया अवस्था में होते हैं। इस मुलायम और दूधिया अवस्था में ही इसके भुट्टे काट लिया जाता है, तो इसे ही स्वीट कॉर्न कहते हैं। वहीं, दाने पूरी तरह से तैयार होकर फसल पकने पर इसे मक्का कहा जाता है।
स्वीट कॉर्न को विदेशों में भी काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। अब भारत के हर घरों में भी इसे पंसद किया जाने लगा है। जिसके कारण स्वीट कॉर्न की मांग को पूरा करने के लिए लाखों किसान मक्का की खेती कर स्वीट कॉर्न का उत्पादन कर रहे हैं। फसल को दूधिया अवस्था में काटकर बाजारों में बेचे रहे हैं और अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं।
रबी की अगेती स्वीटकॉर्न वाली मक्का किस्म
स्वीट कॉर्न यानी मक्का की खेती खरीफ सीजन में होती है, लेकिन देश के जिन इलाकों में सिंचाई के उचित साधन उपलब्ध है, उन क्षेत्रों में मक्का फसल की खेती रबी और खरीफ की अगेती फसलों के रूप होती है। मक्के की बहुत अधिक मांग है, जिस वजह से इसकी उपज को बेचने में भी आसानी होती है।
अगर किसान स्वीटकॉर्न से अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो वह आगमी रबी सीजन स्वीटकॉर्न (मक्का) की खेती की तैयारी कर सकते हैं। स्वीटकॉर्न (मक्का) की फसल 65 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि स्वीट कॉर्न के लिए इसके भुट्टो की कटाई करीब 50 से 55 दिनों में कर ली जाती है। स्वीट कॉर्न के लिए मक्के की फसल की खेती कम लागत में शुरू की जा सकती है और इससे बढिय़ा कमाई होती है।
स्वीटकॉर्न मक्का की ऐसे शुरू करें खेती
फसल विज्ञान के प्रोफेसर डॉ रोहिताश सिंह के अनुसार, स्वीटकॉर्न वाले मक्के की अगेती रबी खेती के लिए मक्के के बीजों की बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने तक की जा सकती है। वहीं, जनवरी और फरवरी महीने के मध्य भी इसके बीजों की बुवाई की जा सकती है। वहीं, खरीफ मौसम के लिए इसके बीजों की बुवाई पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च और अप्रैल के अंत तक और उत्तर भारत में इसकी बुवाई जून से जुलाई महीने के बीच की जाती है।
स्वीटकॉर्न मक्का फसल की बुवाई करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए। खेत तैयार करने के लिए किसान सबसे पहले खेत की 2 से 3 बार अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लें। इसके बाद खेत में 7 से 8 टन पुरानी गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई कर मिट्टी को भूरभुरा बना लें।