हो गए हैं माता-पिता नाराज, तो उन्हें ऐसे मना सकते हैं आप

By AV NEWS

हमारी जिंदगी जितनी प्यार भरी होती है, उतना ही यहां रूठना-मनाना भी चलता रहता है। कभी हम अपने किसी खास से या अपने पार्टनर से रूठ जाते हैं, तो कभी-कभी तो बच्चे भी अपने माता-पिता से नाराज हो जाते हैं। ऐसे में रूठने-मनाने का सिलसिला तो चलता ही रहता है। लेकिन जरा सोचिए कि अगर माता-पिता अपने बच्चों से रूठ जाएं, तो उन्हें कैसे मनाया जा सकता है? इस लॉकडाउन में जब लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, तो ऐसे में लोग काफी बोरियत और तनाव महसूस कर रहे हैं। वहीं, इस तनाव की वजह से कई बार लोग अपनों से नाराज तक हो जाते हैं। हालांकि, माता-पिता का रूठना भी बच्चों के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं होता। लेकिन हमें अपने रूठे हुए माता-पिता को मनाना तो पड़ता ही है और ये जरूरी भी है। ऐसे में हम आपको कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जो शायद आपकी मदद कर पाएं।

इस कठिन समय में साथ दें

कोरोना काल में हर कोई डरा हुआ है, ऐसे में आपको अपने माता-पिता का साथ देना चाहिए। आप उनके साथ बैठ सकते हैं, उनसे बातें कर सकते हैं, उनकी जरूरतों को जान सकते हैं, उनके सुख-दुख के बारे में जान सकते हैं आदि। आपको उन्हें भरोसा दिलाना होगा कि आप आज भी नहीं बदले हैं, और आप उनके पहले जैसे ही बच्चे हैं। इससे उनकी नाराजगी दूर हो सकती है।

उंची आवाज में न करें बात

आपको कभी ये बात नहीं भूलनी है कि आपको अपने माता-पिता से ऊंची आवाज में बात नहीं करनी चाहिए। आपकी इस आदत की वजह से भी कई बार माता-पिता नाराज हो जाते हैं। ऐसे में आप उनसे माफी मांग सकते हैं और उनको भरोसा दिला सकते हैं कि आप भविष्य में कभी ऐसा नहीं करेंगे। इससे भी आपके माता-पिता की नाराजगी दूर हो सकती है।

पत्नी भी करें सम्मान और रखें ध्यान

जब बेटे की शादी हो जाती है, तो माता-पिता चाहते हैं कि उनके बेटे के साथ ही उनकी बहू भी उनका ख्याल रखें। कई कपल होते हैं, जो शादी के बाद अपने में मस्त हो जाते हैं और जाने-अनजाने अपने माता-पिता को भूल जाते हैं। ऐसे में आपको अपनी पत्नी को भी ये बताना चाहिए कि वो भी अपने सास-ससुर का ध्यान रखें, उनकी जरूरतों का ध्यान रखें आदि।

उनकी जरूरत का ध्यान रखें

जब हम छोटे हुआ करते थे और किसी चीज को लेने की जिद्द करते थे, तो हमारे माता-पिता उस चीज को हमें दिला देते थे। ऐसे में अब हमारी ये जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने माता-पिता की जरूरतों का ध्यान रखें। उनकी दवाओं का, उनके खानपान का या उन्हें कोई अन्य जरूरत हो तो उसका।

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