1 लाख रुपए लिए हैं मैडम ने दुकान जब्त करने के… तो छोडऩे का कितना लेगी…

By AV NEWS

1 लाख रुपए लिए हैं मैडम ने दुकान जब्त करने के… तो छोडऩे का कितना लेगी…

अतिक्रमण मुहिम में जब्त सामान को छोडऩे के मसले पर बहस…

उज्जैन।उज्जैन। नगर निगम राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण मुहिम के अंतर्गत जब्त सामग्री को वापस लौटाने की प्रक्रिया और जुर्माने की राशि को लेकर सोशल मीडिया पर बहस चल रही है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक नागरिक मनोज अखंड द्वारा पोस्ट अपलोड की गई है।

इसमें उनके द्वारा पूछा गया है कि ‘कोई बता सकता है कि निगम द्वारा जब्त सामान को कैसे छुड़वाए, शुल्क जमा करने को तैयार है पर अधिकारी छोड़ नहीं रहा हैं।’ इस पोस्ट पर तो कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। मंगलवार सुबह तक 400 से ज्यादा लाइक्स और 50 कमेंट्स आ चुके थे।

खास बात यह है कि अधिकांश कमेंट्स में निगम अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी आड़े हाथों लिया गया है। अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधते हुए एक कमेंट्स में लिखा गया है कि ‘1 लाख रुपए लिए है मैडम ने दुकान जब्त करने के…..तो छोडऩे का कितना लेगी….।

फेसबुक पर आए ये कमेंट्स

शुल्क के साथ-साथ अधिकारी लोग रिश्वत भी चाहते है। -चेतन खोडे

6 वर्ष पहले दुकान जब्त कर मेरा व्यापार बंद करवा दिया। अब दूसरी दुकान जो नगर निगम की सीमा में नहीं रखी थी ना ही उसमें कोई अतिक्रमण था। उसे भी जब्त करके तोड़ दिया और छोड़ नहीं रहे।-मनोज अखंड

1 लाख रुपए लिए है मैडम ने दुकान जब्त करने के तो छोडऩे का कितना लेगी।-मनोज अखंड

चुनाव आने वाले है, किसी को जो भी शिकायत है सीएम हेल्प लाइन पर करवाए जल्दी सुनवाई होगी। जो नहीं सुने उसकी भी शिकायत करें।-संतोष जी

जब्ती रसीद हो तो मिलेगा समान नहीं तो भूल जाओ।-अजयसिंह चंदेल

निगम भ्रष्टाचार में लिप्त है। नक्शा पास करवाना हो या नामांतरण, बाजार वसूली हो या आवास योजना का लाभ सब में सेटिंग के बाद ही काम होता है।-शैलू यादव

भ्रष्टाचार का बाड़ा, नगर निगम का अखाड़ा।– सावन श्रीवास्तव

आप शुल्क का भुगतान टेबल के ऊपर से कर रहे हो, उसे टेबल के नीचे से जमा करों।– इनामुल एच सिद्दीकी

नगर निगम के कर्मचारी जब्ती का सामान भंगार में बेच देते है।– गोपाल बारोड

पूरे समुंदर में भंग घुली हुई है।– विक्रम वर्मा

निगम वाले उज्जैन में बहुत ही घटिया है। मेले में देखा है मैंने उनके बात करने का तरीका। डंडे लेकर ऐसे चलते है जैसे निगम कर्मचारी नहीं गुंडे हो।– नीरज राजपूत

नगर निगम महापौर मुकेश टटवाल से बोलो।-विश्वास शर्मा

महापौर जी को घूमने-फिरने से टाईम नहीं मिल रहा है और वो क्या देखेंगे। नगर निगम को नरक निगम बना रखा है सब ने।-उत्तम जुनवाल

(इन सभी कमेंट्स के स्क्रीन शॉट अक्षरविश्व के पास सुरक्षित रखे है)

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