प्रतिदिन औसत 20 लोग कुत्ते के काटने पर पहुंचते हैं अस्पताल…
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में आवारा कुत्तों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है। स्थिति यह है कि पिछले 10 माह में कुल 5632 लोगों को कुत्ते काट चुके हैं जिनके प्रतिदिन का औसत 20 के लगभग है जो जिला अस्पताल पहुंचकर रैबिज का इंजेक्शन लगवाते हैं।
आवारा कुत्तों की समस्या शहर में वर्षों पुरानी है नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इस समस्या से आज तक शहर को मुक्त नहीं कर पाये हैं। स्थिति यह है कि रात के समय शहर की कालोनियों और मुख्य मार्गों पर दो पहिया वाहनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। आवारा कुत्ते महिला, वृद्धों और बच्चों को निशाना बनाते हैं। खासकर गर्मी के मौसम में कुत्ते आमजन के लिये अधिक हमलावर होते हैं।
पिछले 10 माह में कुल 5632 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटकर घायल किया और अस्पताल का रास्ता दिखाया है। इस मान से प्रतिमाह का औसत आंकडा 563 और प्रतिदिन का आंकडा 20 के लगभग होता है। जिला अस्पताल में आवारा कुत्तों के काटने पर रैबिज के इंजेक्शन लगाये जाते हैं। इसका मरीज को अलग-अलग समय के अंतराल में कुल 3 इंजेक्शन लगवाने होते हैं।
किस माह में कितने मरीज पहुंचे अस्पताल
माह -संख्या
जनवरी -752
फरवरी- 404
मार्च -574
अप्रैल- 603
मई -635
जून- 548
जुलाई -520
अगस्त- 565
सितम्बर- 587
अक्टूबर- 638
प्रायवेट अस्पताल भी जाते हैं लोग
उक्त आंकडे जिला चिकित्सालय से प्राप्त हुए हैं, जबकि आवारा कुत्तों के काटने पर अनेक लोग प्रायवेट अस्पताल में भी उपचार करवाते हैं जिनकी संख्या भी सैकडों में है।
कोर्ट का निर्णय बताकर टालते हैं अफसर
आवारा कुत्तों को पकडऩे की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन निगम के अफसर कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हैं। उनका कहना है कि कोर्ट द्वारा स्ट्रीट डॉग को पकडऩे की अनुमति नहीं है। कोर्ट के निर्देश हैं कि आवारा कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण किया जा सकता है लेकिन उन्हें जहां से पकड़ा जाएगा उसी स्थान पर छोडऩा भी होगा।