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13 साल बाद बदला 5वीं व 8वीं की परीक्षा का पैटर्न

नहीं मिलेगा प्रमोशन…फेल होने पर फिर से उसी कक्षा में पढऩा होगा…

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उज्जैन।सरकार ने करीब 13 साल बाद एक बार फिर 5वीं और 8वीं परीक्षा का पैटर्न बदल दिया है। दोनों कक्षाओं की परीक्षा अब बोर्ड की तर्ज पर होगी। जिलास्तर पर पेपर तैयार होगा। मूल्याकंन के लिए उत्तर पुस्तिकाएं दूसरे स्कूल में जाएगी। फेल होने पर बच्चे को फिर से उसी कक्षा में पढऩा होगा।

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने वर्ष 2008 में दोनों ही क्लास से बोर्ड पैटर्न हटा दिया था। इसे फिर से लागू किया जा रहा है। प्रत्येक अकादमिक वर्ष के अंत में दोनों क्लास की वार्षिक परीक्षा होगी। परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दोबारा पेपर देने का मौका दिया जाएगा। इसमें भी फेल होने वाले छात्रों को उसी कक्षा में रोके जाने का (डिटेंशन पॉलिसी) प्रावधान है।

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इसी सत्र से लागू होगा नियम

सत्र 2021-22 में मध्यप्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में 5वीं-8वीं के लिए वार्षिक परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की गई थीं। प्रदेश के स्कूलों में सत्र 2022-23 में यानी इसी साल से सरकारी स्कूलों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त निजी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर 5वीं व 8वीं के लिए बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा होंगी।

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इस तरह होंगी परीक्षाएं

मध्यप्रदेश राज्य ओपन द्वारा पेपर तैयार किया जाएगा। इसके सेट सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी के ऑफिस भेजे जाएंगे। इसके बाद यह पेपर स्कूलों को दिए जाएंगे। परीक्षा के बाद कॉपियां जिलों के दूसरे स्कूलों को जांच के लिए भेजी जाएंगी। एक साथ रिजल्ट जारी होने के बाद ऑनलाइन रिजल्ट देखा जा सकेगा। इसमें एमपी बोर्ड की तरह ही बच्चों को कॉपी देने से लेकर अंक सुधरवाने का मौका दिया जाएगा। उसके बाद सप्लीमेंट्री की परीक्षा होगी।

इस तरह अंक रहेंगे

अद्र्ध वार्षिक परीक्षा 20 प्रतिशत

वार्षिक परीक्षा (लिखित) 60 प्रतिशत

वार्षिक परीक्षा (प्रोजेक्ट वर्क) 20 प्रतिशत

स्कूल को देना होगी फीस…

5 वीं के लिए 50 रु.

8 वीं के लिए 100रु.

(प्रति छात्र,यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि स्कूल परीक्षा के नाम से छात्रों से अलग से शुल्क नहीं वसूलेगा।)

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