5 साल से मायके में रह रही महिला ने बीमारी से तंग आकर फांसी लगाई

सुसाइड नोट नहीं मिला, पुलिस कर रही मामले की जांच
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन ।पांच साल से मायके में रह रही महिला ने बीमारी से तंग आकर फांसी लगा ली। पुलिस ने उसे फंदे से उतारा और जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
नागझिरी थाना क्षेत्र के ग्राम चंदेसरा की रहने वाली बबीता पति ईश्वर देवड़ा ने अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतिका के भाई राजेंद्र ने बताया बबीता की 15 साल पहले जावरा के मंगरौला में रहने वाले ईश्वर देवड़ा से विवाह हुआ था।
उनका एक 13 साल का बेटा भी है उसके सीने में गठान थी इसी बीमारी के चलते वह परेशान थी और पिछले पांच साल से ससुराल छोड़कर मायके में रह रही थी। शनिवार शाम 7 बजे जब मां मोहनी बाई घर आई तो बबीता कहीं दिखाई नहीं दी। कुछ देर बाद मां ने उसे अंदर वाले कमरे में देखा तो बबीता फांसी के फंदे पर झूलते दिखी। इस पर मां ने शोर मचाया। आवाज सुनकर पड़ोसी आ गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। नागझिरी पुलिस घटना स्थल पहुंची और फांसी के फंदे से महिला को उतारकर जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
नागझिरी में पिछले 5 दिन में तीसरी घटना
शहर में हर रोज लोग कर रहे आत्महत्या
नागझिरी थाना क्षेत्र में पिछले पांच दिनों में सुसाइड की यह तीसरी घटना सामने आई है। जबकि शहर में हर रोज कहीं ना कहीं कोई व्यक्ति जीवन से निराश होकर मौत को गले लगा रहा है।10 अगस्त को एक 22 वर्षीय युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। 9 अगस्त को देवासरोड औद्योगिक क्षेत्र में पत्नी केेे जाने से अवसाद में आकर युवक ने सुसाइड किया था। अब 32 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मनोचिकित्सक डॉ. विनित अग्रवाल का कहना है कि लोगों में अवसाद बढ़ रहा है। सुसाइड करना मानसिक रोग है लोग मानसिक रोगों की अनदेखी कर रहे हैं। 7 अगस्त को पांड्याखेड़ी ब्रिज से कूदकर युवक ने सुसाइड किया। 8 अगस्त को चिंतामण के रहने वाले बुजुर्ग ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या की।










