तेजी से बढ़ रहा जलस्तर, काल भैरव मंदिर का पुल भी डूबा….
विक्रांत भैरव मंदिर की छत पर कुत्तों के रेस्क्यू की मशक्कत
इस तरह 7 इंच पर
1. 16 सितंबर की सुबह तक 4.73 (118.4 मिमी) बारिश
2. 16 सितंबर की शाम तक 1.36 (34 मिमी) बारिश
3. रविवार सुबह 1 इंच (25 मिमी) बारिश
4. कुल 7.096 इंच (177.4 मिमी)
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पिछले दो दिन से हो रही बारिश का आंकड़ा रविवार सुबह 7 इंच को पार कर गया। मंगलनाथ मंदिर के पास स्थित प्राचीन अंगारेश्वर मंदिर शिखर तक शिप्रा नदी में डूब गया। तेज बहाव के बीच लाल रंग के केवल शिखर दर्शन का अद्भुत दृश्य दिखाई दिया। शिवलिंग पानी में होने से नित्य दर्शन करने वाले भक्त भी दूर से ही शिखर दर्शन कर सके।
मंदिर पानी में न डूबे, इसके लिए शिखर का नव निर्माण कर ऊंचाई बढ़ाई गई है। प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर के पहले शिप्रा नदी का पुल भी डूब गया। रविवार सुबह अंगारेश्वर मंदिर के शिखर के दर्शन कर लोग अभिभूत हो गए। शिप्रा नदी में आई बाढ़ के कारण पूरा मंदिर जलमग्न हो गया है। केवल ऊपर के शिखर ही दिखाई दे रहा है, जिस पर तेज हवा में लहराती ध्वजा दूर से दिखाई दी।
मंदिर परिसर में गौशाला संचालित करने वाले सरपंच अर्जुन पटेल और लमसम पटेल ने बताया पानी के तेज बहाव से मंदिर परिसर में रखी दुकानें बह गईं। शनिवार सुबह से मंदिर के पास शिप्रा नदी का पानी बढऩा शुरू हो गया था। देखते देखते मंदिर परिसर में भी आ गया और शाम को शिखर तक पानी जा पहुंचा। रविवार को भी शिप्रा का जल स्तर शिखर को स्पर्श कर बहते दिखाई दिया।
गंगाघाट पर पानी पहुंचा, झालरिया मठ खाली कराया
रविवार सुबह मंगलनाथ मंदिर मार्ग स्थित गंगाघाट तक शिप्रा का पानी पहुंच गया। घाट की सभी सीढियां पानी में डूब गईं। नृसिंहघाट पुल के पास स्थित झालरिया मठ में पानी आने के बाद उसे भी प्रशासन ने तत्काल खाली कराया।
दान राशि गीली होने से बची…
मंदिर की दान पेटी सात दिन पहले ही खोली गई थी। इसमें से करीब डेढ़ लाख की दान राशि निकली थी। अगर कुछ दिन और दान पेटी नहीं खोली जाती तो इस बार भी राशि बाढ़ के पानी में गीली होकर खराब हो जाती। हालांकि कुछ रुपए पेटी में होने की संभावना है। पिछली बार जब शिप्रा में बाढ़ आई थी तब दान पेटी भरी हुई थी और राशि निकाली नहीं जा सकी थी। इस कारण सारे नोट भीग गए थे। कुछ पानी के बहाव के साथ चले गए थे।
गढ़कालिका मंदिर रोड पर गिरा पेड़
पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण जमीन गीली हो गई है। गढ़कालिका रोड पर रविवार सुबह करीब छह बजे एक बड़ का पेड़ गिर गया। पार्षद हेमंत गेहलोत ने बताया निगम की टीम इसे हटाने पहुंची और सुबह करीब 9.30 बजे ही इसे हटा दिया गया।
विक्रांत भैरव मंदिर पर फंसे एक दर्जन कुत्ते
कालभैरव मंदिर के पहले शिप्रा नदी का पुल पानी में डूब गया। इसकी ऊंचाई अधिक होने से यह बहुत कम जलमग्न होता है। इस पर आवागमन भी बंद हो गया है। पास ही विक्रांत भैरव मंदिर पर भी पानी भर गया। मंदिर के ऊपर करीब एक दर्जन कुत्ते फंस गए। नीचे पानी भर जाने से वे उतर नहीं पाए। पार्षद गेहलोत ने उनके रेस्क्यू के लिए प्रशासन को सूचना दी। नाव से ही उनको निकाला जा सकेगा।
अब तक 42 इंच से ज्यादा
15 सितंबर तक कुल बारिश 35.6 इंच (891.6 मिमी)।
16 सितंबर तक कुल बारिश 41.76 इंच (1044 मिमी)।
17 सितंबर की सुबह तक 42.76 इंच (1096 मिमी