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73 दिन बाद महाकाल मंदिर गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश

73 दिन बाद महाकाल मंदिर गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश

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अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 तक सामान्य दर्शन

उज्जैन।आखिरकार महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को समिति को 73 दिन बाद आम श्रद्धालुओं के गर्भगृह में प्रवेश का रास्ता देना पड़ा। मंगलवार से दोपहर एक से 4:15 बजे तक सामान्यजन को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश देकर दर्शन कराए गए। यह व्यवस्था अवकाश के दिन और शनिवार-रविवार-सोमवार को छोड़कर शेष अन्य दिन जारी रहेगी।

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महाकाल मंदिर में भीड़ प्रबंध के लिए मंदिर समिति ने 10 सितंबर 22 से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। केवल 1500 रुपए के टिकट पर दो श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के लिए दो समय प्रवेश दिया जा रहा था। हालात यह थे कि सशुल्क दशर्न करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। वहीं शुल्क चुका कर गर्भगृह में प्रवेश करने वाले भक्तों की वजह से नंदीहॉल के बेरिकेट्स से आम श्रद्धालुओं को पूजन तो दूर भगवान के शिवलिंग के दर्शन भी नहीं हो पा रहे थे।

अक्षरविश्व‘ ने18 नवंबर के अंक में ‘1500रु.के शुल्क से सीधे गर्भगृह में प्रवेश, आमभक्तों को झलक भी नहीं मिलती’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इस का असर हुआ कि मंदिर समिति ने मंगलवार से सामान्य श्रद्धालुओं को नंदी हॉल होकर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कराया। यह क्रम दोपहर 4:15 तक चला। इस दौरान करीब १५ हजार सामान्य श्रद्धालु बाबा महाकाल का स्पर्श पाकर धन्य हो गए। मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारे से गूंज उठा।

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यह दर्शन व्यवस्था:

1500 रुपए की टिकट लेने वाले श्रद्धालु : सुबह 6 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 6 से रात 9 बजे तक।

आम श्रद्धालु : दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक। मंगलवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार।

दिव्यांग, बुजुर्ग श्रद्धालु : इन्हें गेट नंबर 4 या 5 से सीधे प्रवेश दिया जा सकेगा। उनकी देखभाल के लिए मंदिर प्रबंध समिति की ओर से एक सहयोगी भी रहेगा। ऐसा नहीं होने पर वे किसी भी व्यक्ति को बतौर सहयोगी अपने साथ ले जा सकेंगे।

आम श्रद्धालु : मानसरोवर से फैसिलिटी सेंटर होकर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

वीवीआईपी : निर्माल्य द्वार से प्रवेश देने की व्यवस्था रहेगी।

जब..जब.. आम भक्त हुआ भगवान से दूर तब..तब.. श्रद्धालुओं की आवाज बना अक्षरविश्व

अक्षरविश्व का साथ हमेशा ही भगवान महाकाल के आम श्रद्धालुओं के साथ रहा है। मंदिर समिति के निर्णय से जब-जब सामान्य श्रद्धालुओं को परेशानी,दिक्कत या कष्ट हुआ है,तब-तब अक्षरविश्व ने श्रद्धालुओं की पीड़ा को प्रमुखता से उठाया है। पूर्व में भी मंदिर समिति ने कई ऐसे फैसले लिए जिससे आम और खास श्रद्धालुओं में अंतर किया गया। सामान्य श्रद्धालु भगवान से दूर हुए,तो अक्षरविश्व ने अपने सामाजिक दायित्व को पूरा किया और मंदिर समिति को अपने फैसले बदलना पड़े।

आगे स्थिति अनुसार निर्णय

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि अवकाश के दिन और शनिवार-रविवार-सोमवार को छोड़कर प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक सामान्य श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। आम दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या के मान से स्थितियों को देखते हुए भी निर्णय लिया जाएगा। पहले दिन मंगलवार को जो व्यवस्था बनाई गई है, उसके तहत करीब 15 हजार श्रद्धालु गर्भगृह में पहुंचे थे।

1500 की टिकट पर होते थे प्रवेश…

महाकालेश्वर मंदिर में वैसे तो प्रतिदिन भीड़ रहती है। ऐसे में अभी तक मंदिर समिति की 1500 रुपए की रसीद पर दो श्रद्धालुओं को सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 6 से 8 बजे तक ड्रेस कोड के साथ प्रवेश दिया जा रहा था। वहीं सामान्य श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करना पड़ रहे थे।

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