Advertisement

एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट बनना चाहते हैं तो यह रहे आपके लिए टिप्स

अनुमान देखने में आता है कि अपनी बीमारियों का इलाज करने के लिए लोग दवाइयों पर निर्भर रहते हैं और लंबे समय तक दवाइयों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

आज के समय में लोग जिस प्रकार का जीवन व्यतीत कर रहे हैं उसके कारण वे बहुत सी बीमारियों का घर बनते जा रहे हैं। अमूमन देखने में आता है कि अपनी बीमारियों का इलाज करने के लिए लोग दवाइयों पर निर्भर रहते हैं और लंबे समय तक दवाइयों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है। ऐसे में अगर आप लोगों की बीमारी का इलाज बिना दवाई के ही प्राकृतिक तरीके से करना चाहते हैं तो आप बतौर एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट बनकर ऐसा कर सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आप पैसे के साथ-साथ लोगों की दुआएं भी कमाते हैं।

क्या होता है काम :

Advertisement

एक्यूप्रेशर थेरेपी भी एक्यूपंचर की तरह ही एक वैकल्पिक हीलिंग तकनीक है, लेकिन जहां एक्यूपंचर तकनीक में सुईयों का प्रयोग किया जाता है, वहीं एक्यूप्रेशर में थेरेपिस्ट किसी भी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं करता। एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट का मुख्य काम शरीर के विभिन्न बिन्दुओं पर दबाव डालकर अपने क्लाइंट को रोग से मुक्ति दिलाता है। वह अपने काम के दौरान किसी भी तरह की दवाई का प्रयोग नहीं करता, बल्कि रोग का इलाज करने के लिए शरीर के किसी खास प्वाइंट पर उंगली की मदद से प्रेशर डालता है। इस प्रेशर के बाद शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और धीरे-धीरे शरीर के उस हिस्से का दर्द कम हो जाता है। एक्यूप्रेशर की मदद से सिरदर्द व माइग्रेन से लेकर मानसिक तनाव, पीठ दर्द, साइनस की समस्याएं, आंखों, ठंड, फ्लू, अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, एलर्जी, गर्दन का दर्द, अल्सर दर्द, स्पोंडिलिटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, अनिद्रा, थकान, अपचन, मस्तिष्क, टेनिस एल्बो के दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न एथलेटिक्स जोड़ों, ऊतकों, हड्डियों और मांसपेशियों व अन्य कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए भी एक्यूप्रेशर का उपयोग करते हैं।

स्किल्स :

Advertisement

एक बेहतरीन एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट को सबसे पहले तो सिर से लेकर पैर तक शरीर में मौजूद विभिन्न प्वाइंट्स के बारे में सही तरह से जानकारी होनी चाहिए। उसे यह मालूम होना चाहिए कि शरीर के किस बिन्दु पर दबाव देने से आपके शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित होता है। आपको बता दें कि एक्यूप्रेशर में शरीर में लगभग 1000 प्वाइंट्स के बारे में बताया गया है। एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट को इन सभी प्वाइंट्स के बारे में पर्याप्त रूप से जानकारी होनी चाहिए।

क्लीनिक खोलकर भी कर सकते हैं सेवा

एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट विभिन्न स्पा, क्लीनिक्स, वेलनेस सेंटर, हॉस्पिटल आदि में जॉब की तलाश कर सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ अनुभव के बाद आप खुद का क्लीनिक खोलकर भी लोगों की सेवा कर सकते हैं।

आमदनी :

जो छात्र इस क्षेत्र में कदम रखने का मन बना रहे हैं, वे शुरूआती दौर में आसानी से 25 से 30 हजार रूपए प्रतिमाह कमा सकते हैं। समय के साथ अनुभव बढऩे पर आपकी आमदनी भी बढ़ती है। इसके अतिरिक्त अगर आपका खुद का क्लीनिक है, तो आपकी आमदनी आपके क्लाइंट्स की संख्या पर निर्भर करेगी।

Related Articles