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बैंकों की कर्ज वसूली पर इंदौर प्रशासन ने लगाई रोक

कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित इंदौर जिले में जनता कर्फ्यू बढ़ाया जाना लगभग तय है और ऐसे में अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियां भी ठप हैं। इसी बीच जिला प्रशासन ने शनिवार को एक आदेश जारी कर बकायादारों से 31 मई तक बैंकों की बकाया कर्ज वसूली पर प्रतिबंध लगा दिया है। आवश्यक होने पर प्रशासन की अनुमति के बाद ही ऋण वसूली हो सकेगी। इस संबंध में अपर कलेक्टर पवन जैन ने धारा-144 के तहत आदेश जारी किया है। राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों द्वारा अधिकृत एजेंसियां वसूली के लिए बकायादारों को डरा-धमकाकर और अनाधिकृत रूप से बकाया वसूली करती हैं। कोरोना संक्रमण में हालात को ध्यान में रख प्रशासन ने वसूली रोकने का आदेश जारी किया है।

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एडीएम जैन ने आदेश में लिखा है लाकडाउन (जनता कर्फ्यू) के कारण आम आदमी पहले ही आर्थिक रूप से परेशानी में है। प्रशासन जनता कर्फ्यू का उचित तरीके से पालन कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। इसके तहत लगभग एक दर्जन पुलिस थाना क्षेत्रों में पुलिस ने 121 व्यक्तियों को बेवजह घूमते गिरफ्तार किया है। इन सबको गुजराती समाज धर्मशाला में बनी अस्थायी जेल में भेज दिया गया। शहर के निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों से कथित तौर पर अधिक शुल्क लेने की शिकायतों पर भी कार्रवाई कर रहा है।

अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने बताया हमें अब तक ऐसी लगभग 30 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 26 मामलों में अस्पतालों ने पैसे वापस कर दिए हैं या बिलों पर कुल नौ लाख रुपये की छूट दी है। पंजीकृत लाभार्थियों को पांच महीने का राशन देने के केंद्र और राज्य सरकार के आदेश का पालन नहीं करने वाले उचित मूल्य की दुकानों पर भी प्रशासन नजर रखे हुए हैं।

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