कोरोना की दूसरी लहर में जहां बेड की मारमारी थी वहीं अब माधव नगर अस्पताल में 44 बेड खाली
ओपीडी में प्रतिदिन आ रहे 130-150 कोरोना संदिग्ध
उज्जैन।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हॉट स्पॉट बने माधव नगर कोविड अस्पताल से लंबे समय बाद अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। पिछले माह तक अस्पताल में एक्स्ट्रा बेड लगाकर कोरोना मरीजों को उपचार दिया जा रहा था लेकिन अब इसी अस्पताल में 44 बेड खाली हैं। कोरोना जांच के लिये ओपीडी में दिन भर लाइन लगती थी, स्थिति यह थी कि मरीजों को टोकने बांटने पड़े थे वहीं अब 130-150 मरीज ही जांच के लिये आ रहे हैं।
शहर में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आई है, जो केस मिल रहे हैं उनमें गंभीर मरीजों की संख्या भी कम है। अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर उपचार दिया जा रहा है, लेकिन जिन मरीजों के घर में क्वारेंटाइन होने की जगह नहीं उन्हें पीटीएस में भर्ती करने की व्यवस्था की गई है।
पिछले माह ऐसे थे हालात- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी। अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिये जगह नहीं बची थी। ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे थे उस दौर में माधव नगर अस्पताल में एक्स्ट्रा बेड लगाकर उपचार दिया गया। हालात इतने बिगड़ गये कि ओपीडी में लोग ऑक्सीजन सिलेण्डर लेकर बैठे और अस्पताल में बेड खाली करने का इंतजार किया। मरीजों की मौत पर परिजनों ने न सिर्फ हंगामा किया बल्कि पत्थरबाजी और मारपीट की घटनाएं भी इसी अस्पताल में हुईं। अस्पताल प्रशासन को ओपीडी में जांच के लिये आने वाले मरीजों को टोकन तक बांटना पड़ गये थे।
सुरक्षा और नियम पालन से आई कमी
एक ओर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा स्टाफ कोरोना मरीजों के उपचार में 24 घंटे लगा था तो दूसरी ओर प्रशासन और पुलिस द्वारा शहर में कोरोना कफ्र्यू लागू करने के साथ लोगों को कोरोना नियमों का पालन कराया गया। उन्हें जागरूक किया गया। इसी का परिणाम रहा कि अप्रैल माह में हॉट स्पॉट बन चुके माधव नगर कोविड अस्पताल में आज हालात सामान्य होते जा रहे हैं।
यह है अस्पताल की स्थिति
माधव नगर अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिये कुल 204 बेड हैं। वर्तमान में यहां कोरोना के 160 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 5 सीरियस केस भी हैं। अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 130 से 150 के बीच संदिग्ध मरीज आते हैं। जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल 80 के आसपास होता है उन्हें माधव नगर अस्पताल में भर्ती किया जाता है जबकि 90 के आसपास ऑक्सीजन लेवल वाले कोरोना मरीजों को चरक अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।