उज्जैन:ऐसी स्मार्टनेस, सड़क पर पानी, उखडऩे लगे ब्लॉक

उज्जैन।दावा था कि ऐसी स्मार्ट रोड बनेगी कि लोग देखते रह जाएंगे। पानी नहीं जमा होगा। धूल नहीं उड़ेगी। आयडल रोड होगी। अभी तो झमाझम बरसात भी नहीं हुई हैं और स्मार्ट सड़क पर जरा सी बरसात होने पर पानी भरने लगा हैं। ब्लॉक उखडऩे लगे हैं। सरफेस अनबैलेंस हो गई हैं। यह हाल अभी जीरो पांइट ओवर ब्रिज से सांदीपनि नगर निर्मित स्मार्ट रोड का हैं। इस स्मार्ट सड़क के लिए दावा किया गया कि अंडर ग्राउंड डक्ट से बारिश के पानी की निकासी होगी। अभी तो सीजन की झमाझम बरसात भी नहीं हुई हैं और सामान्य बरसात ने स्मार्ट रोड की खामी को उजागर कर दावों की पोल को खोल दिया है। इन दिनों हो रही सामान्य बरसात का पानी भी सड़क पर भर जाता है।

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शंका-कुशंका: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चल रहे कार्यों को देखते हुए शहरवासियों को उज्जैन के स्मार्ट सिटी बनने पर शंका-कुशंका होने लगी हैं। टाटा के सीवरेज प्रोजेक्ट की स्थिति तो जगजाहिर हैं। अन्य कामों की हालत का अनुमान इससे लगाया जा सकता हैं कि 271 करोड़ रुपए लागत की स्मार्ट सड़क अभी अधूरी है। जो काम हुआ वह कार्य की गुणवत्ता की पोल खोल रहे हैं। शहर में स्मार्ट सिटी कंपनी 27 किमी स्मार्ट रोड बनाएगी।

इसके लिए 51 सड़कों की सूची बनाई है। कंपनी के इंजीनियर उन मार्गों को प्राथमिकता में ले रहे हैं, जिन पर पर्याप्त जगह है। थोड़े चौड़ीकरण के बाद इन्हें स्मार्ट रोड में तब्दील किया जा सकता है। इसी क्रम में सबसे पहले हीरा मिल क्षेत्र में जीरो पाइंट ओवर ब्रिज से सांदीपनि नगर तक और अरविंद नगर रोड का काम हाथ में लिया गया था। दो साल पहले दो वर्ष में कार्य पूर्णता का लक्ष्य रखकर काम की शुरुआत की गई थी। यह काम अभी भी अधूरा हैं और इसमें लापरवाही सामने आने लगी हैं। हीरा मिल क्षेत्र से सांदीपनि नगर तक एक स्मार्ट रोड का काम पूरा हो गया है,लेकिन फुटपाथ के ब्लॉक उखडऩे लगे हैं, तो चैंबर ठीक से निर्माण नहीं होने की वजह से बैठ गए हैं। अभी तो स्मार्ट सड़क पूरी भी नहीं हुई हैं, तब यह हाल हैं। आगे क्या होगा अनुमान लगाया जा सकता हैं।

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यह है दावा स्मार्ट सड़क के लिए

स्मार्ट सिटी कंपनी का दावा है कि सडक बनने के बाद इसे किसी भी काम के लिए खोदना नहीं होगा।

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स्मार्ट सर्किल इस तरह डिजाइन किया है कि किसी भी काम के लिए सड़कें खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

प्रोजेक्ट में शामिल सड़कें सीमेंट-कांक्रीट की बनाएंगे। इसके नीचे बिजली, पानी, टेलीफोन, गैस, सीवर किसी भी तरह की सुविधा का मेंटेनेंस करने के लिए डक्ट में ही काम करना होगा।

सड़क की खुदाई नहीं होने से मेंटेनेंस खर्च बचेगा। रोड पर जगह मिलने पर हरियाली और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। रोड पर निगम डस्टबिन की सुविधा भी दे सकेगी।
प्रोजेक्ट एक नजर

271 करोड़ रुपए लागत है कुल काम की।

30 दिसंबर 2018 को स्मार्ट रोड का काम शुरू।

10 फरवरी 2020 को पहले स्मार्ट रोड से आवागमन शुरू।

6 जून को दूसरे रोड के लिए खुदाई शुरू।

7.०८.20 तक काम पूरा करने का लक्ष्य,फिर भी काम पूरा नहीं।

अंडर ग्राउंड डक्ट, उसी से बारिश के पानी की निकासी। गैस पाइप लाइन, सीवरेज लाइन, जलप्रदाय मेन पाइप लाइन और डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन अंडर ग्राउंड रहेगी। बिजली केबल, डिस्ट्रीब्यूशन सब स्टेशन लाइन, फीडर पीलर, सर्विस केबल, स्ट्रीट लाइन केबल, स्ट्रीट लाइट पोल, स्ट्रीट लाइट स्विच बॉक्स होंगे।

14 माह से चल रहा है काम
हीरा मिल क्षेत्र में ही अरविंद नगर की ओर जाने वाले मार्ग को स्मार्ट सड़क बनाने का काम चल रहा हैं। इस सड़क का काम अगस्त 2020 में पूरा होना था, लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है। निर्धारित लक्ष्य के 12 माह बाद भी सड़क अधूरी है।

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