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उज्जैन : लाखों के कर्ज में दबे युवक ने नदी में छलांग लगाई

पुलिस व तैराकों ने डुबने से बचाया

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अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। प्रायवेट फायनेंस, बैंक और सूदखोरों से उधार रुपये लेकर लाखों रुपयों के कर्ज में दबे युवक ने बीती रात शिप्रा नदी में छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद तैराक व पुलिसकर्मियों ने उसे नदी से निकाला और पूछताछ के बाद परिजनों को सूचना देकर उनके सुपुर्द किया।

पुलिस ने बताया कि सुभाष पिता बाबूलाल 40 वर्ष निवासी लेकोड़ा ने रात 10.30 बजे के करीब शिप्रा नदी रामघाट पहुंचकर आत्महत्या करने के लिये नदी में छलांग लगाई थी। उसे घाट पर मौजूद डीआरसी के जवान जगदीश, ओमप्रकाश शर्मा, पंकज, दीपक, राहुल ने नदी से बाहर निकाला और पूछताछ की। सुभाष बैरागी के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ जिसमें 9 बैंक, प्रायवेट फायनेंस से लोन लेने और 9 लोगों से 2 व 3 प्रतिशत ब्याज पर उधार रुपये लेने की बात लिखी थी। सुसाइड से पहले नोट में सुभाष ने लिखा कि दो वर्षों से घुट घुटकर मर रहा था और उस गलती की सजा भुगत रहा था जो मैंने नहीं की थी। किसी से शिकायत नहीं मेरी नीयत और नीति ही खराब थी इसलिये आत्महत्या कर रहा हूं। महाकाल पुलिस ने सुभाष बैरागी के परिजनों को फोन पर सूचना देकर थाने बुलाया और सुभाष को उनके सुपुर्द किया।

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सुसाइड नोट में प्रायवेट फायनेंस से लेकर ब्याज पर रुपये देने वालों के नाम लिखे 

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