कालिदास समारोह के लिए गाइडलाइन का इंतजार

By AV NEWS

कोरोना इफैक्ट : न स्थानीय समिति का गठन और न ही कोई अन्य तैयारी

उज्जैन।देवप्रबोधिनी एकादशी 15 नवंबर को हैं। इस मान से अखिल भारतीय कालिदास समारोह आयोजन में लगभग 72 दिन का समय शेष रह गया है और अभी तक आयोजन के लिए न स्थानीय समिति का गठन हुआ है और न ही तैयारी शुरु हुई हैं। कोविड की गाइडलाइन की वजह से आयोजन की तस्वीर साफ नहीं हैं।

अभा कालिदास समारोह एक सांस्कृतिक-साहित्यिक सम्मेलन है जो उज्जैन नगर में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवप्रबोधिनी एकादशी) को आयोजित होता है। समारोह का आयोजन संस्कृति विभाग के तत्वाधान में विक्रम विश्वविद्यालय, जिला प्रशासन, कालिदास संस्कृत अकादमी मप्र, संस्कृति परिषद द्वारा किया जाता हैं। कोविड के काले साएं से अभा कालिदास समारोह अछूता नहीं हैं। कोरोना की वजह से बीते वर्ष अभा कालिदास समारोह संक्षिप्त स्तर किया गया था। आमतौर पर इसकी तैयारियां चार माह पहले से होने लगती हैं। इस वर्ष के आयोजन को लेकर फिलहाल कोई हलचल नहीं हैं।

स्थानीय समिति की खास भूमिका

आयोजन की तैयारियां अभी तक शुरू नहीं हुई हैं। स्थानीय समिति का गठन ही नहीं किया गया हैं। इस समिति की आयोजन में खास भूमिका हैं। दरअसल समिति सदस्य मिलकर नृत्य, नाट्य व चित्रकारों के अलावा अन्य कलाकारों का चयन करते हैं।

समारोह की प्रतिष्ठा के लिए केवल मंथन

शहर का गौरव अभा स्तर का कालिदास समारोह धीरे-धीरे अपनी प्रतिष्ठा खो रहा है। कला रसिक दर्शकों के अलावा इस आयोजन से शहरवासी दूरी बनाने लगे हैं। समारोह के लिए होने वाली बैठकों में इस दक्ष प्रश्न पर कई बार मंथन हो चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस है।

बीते वर्ष हुआ था तीन दिन का आयोजन

हर साल ये समारोह 7 दिन का होता है और इसमें देश-विदेश से साहित्य मनीषी पहुंचते हैं. लेकिन 2020 में कोविड के कारण तीन दिवसीय समारोह रखा गया था। मंगल कलश स्थापना यात्रा शिप्रा नदी से जल लाकर अकादमी में प्रतीकात्मक निकाली थी। उद्घाटन और समापन में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि और सारस्वत अतिथि की कार्यक्रम कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार हो रहे हैं। ऐसे में कालिदास समारोह के आयोजकों को कार्यक्रम की गाइडलाइन और शासन के आदेश का इंतजार हैं।

विभाग को पत्र

कालिदास समारोह को लेकर संस्कृति विभाग को पत्र भेजें हैं। निर्देश मिलने पर कार्यक्रम की प्रक्रिया को आगे बढाया जाएगा।
– डॉ.संतोष पंड्या, प्रभारी निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन

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