उज्जैन : डोल ग्यारस आज : कोरोना गाइड लाइन के अनुसार नहीं है सवारी निकालने की अनुमति

बाबा कालभैरव मंदिर परिसर में ही करेंगे भ्रमण

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अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। कोरोना संक्रमण और गाइडलाइन के कारण डोल ग्यारस पर शुक्रवार को राजा महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव की सवारी का भ्रमण बीते वर्ष की तरह इस बार भी मंदिर परिसर में होगा। प्रतीकात्मक तौर भगवान की रजत पादुकाओं को पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवट घाट पर ले जाया जाएगा।

राजा महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव का डोल ग्यारस पर नगर भ्रमण होता है। भगवान कालभैरव की भैरवगढ़ में सवारी निकती है। पालकी पर सावर होकर कालभैरव भैरवगढ़ में भ्रमण कर सिद्धवट तक जाते है। डोल ग्यारस पर 17 सितंबर को बाबा कालभैरव की सवारी नहींनिकलेगी। कोरोना संक्रमण के चलते पालकी को मंदिर में भ्रमण कराया जाएगा। केवल भगवान की रजत पादुकाओं को पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवट घाट पर ले जाया जाएगा। पुजारी परिवार नियत समय पर विधिवत पूजन करेंगे।

भाद्रपद मास की डोल ग्यारस पर कालभैरव मंदिर से भगवान काल भैरव की सवारी निकालने की परंपरा है। प्रतिवर्ष शाही ठाठ बाट के साथ सेनापति पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने इस बार सेनापति के नगर भ्रमण पर रोक लगा दी है। ऐसे में परंपरा का निर्वहन करने के लिए पालकी को मंदिर के मुख्य द्वार तक लगाया जाएगा। यहां गार्ड आफ आनर के बाद पालकी को पुन: मंदिर में ले जाया जाएगा। पुजारी परिवार के सदस्य भगवान की चांदी की पादुकाओं को पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवट घाट पर लेकर जाएंगे।

शाही पगड़ी धारण करेंगे सेनापति

सिंधिया राजवंश की परंपरा अनुसार डोल ग्यारस पर ग्वालियर से भगवान कालभैरव के लिए शाही की पगड़ी आती है। दोपहर 3.30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना के बाद राजवंश के प्रतिनिधि भगवान कालभैरव को पगड़ी धारण कराएंगे। शाम 4 बजे कलेक्टर आशीष सिंह कालभैरव मंदिर के सभा मंडप में पालकी में विराजित भगवान कालभैरव की रजत मूर्ति का पूजन करेंगे।

जेल की ओर से गार्ड ऑफ आनर

भगवान महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव को नगर भ्रमण से पहले गार्ड आफ आनर देने की परंपरा है। इसके लिए इस बार भी केंद्रीय जेल भैरवगढ़ से सशस्त्र बल की टुकड़ी मंदिर आएगी। मंदिर के मुख्यद्वार पर पालकी आने पर गार्ड ऑफ आनर दिया जाएगा।

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