एक रेस्टोरेंट में अम्फान और निसर्ग बैठे आपस में बातें कर रहे थे।
अम्फान ने निसर्ग से पूछा- ‘तुमने कितने लोगों की जान ली और कितनों के घर बर्बाद किए।’
निसर्ग बोला- ‘कुछ खास नहीं। मैंने कुछ ही लोगों की जान ली और कुछ ही लोगों के घर बर्बाद किए और तुमने?’
अम्फान सीना फुलाकर बोला- ‘मैंने लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया और इससे कहीं ज्यादा लोगों के घर बर्बाद कर दिए।’
अभी इनकी बातचीत चल ही रही थी कि उनके बीच अचानक कोरोना प्रकट होकर बोला- ‘तुम लोगों ने क्या खाक जानें ली है, जान तो मैंने ली है और लगातार लेता जा रहा हूं…।’
डॉ. रमेशचंद्र