30 तस्कर भी पकड़े लेकिन नहीं थमा स्मैक, गांजे का कारोबार…
उज्जैन। शहर के युवक नशे की लत में पड़ते जा रहे हैं। तस्कर चोरी छीपे शहर में गांजा, स्मैक जैसे नशीले पदार्थ सप्लाय कर रहे हैं लेकिन जिला पुलिस अब तक इसकी चैन नहीं तोड़ पाई है। पकड़ाते हैं तो सिर्फ पैडलर जिनके पास से पुलिस नाममात्र का नशीला पदार्थ बरामद कर पाती है।
राजस्थान बार्डर से आते हैं नशीले पदार्थ
नीमच के आगे लगी राजस्थान बार्डर और आगर जिले के डग बडौद गांजा, स्मैक पावडर के गढ़ बताये जाते हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि उज्जैन जिला ही नहीं बल्कि शाजापुर, देवास और इंदौर तक नशीला पदार्थ इन्हीं क्षेत्रों से सप्लाय होता है।
इन दो थानों ने बनाया रिकार्ड…
महाकाल और नीलगंगा दो थानों ने पिछले 8 माह में नशे के कारोबारियों और तस्करों की धरपकड़ शुरू की। नीलगंगा टीआई तरूण कुरील ने बताया कि बीते 8 माह में एनडीपीएस के 8 केस दर्ज कर चुके हैं जिसमें लाखों रुपये कीमत के गांजा और स्मैक बरामद किया गया है। इन मामलों में 16 से अधिक तस्करों को भी पकड़ा है। महाकाल थाना प्रभारी मुनेन्द्र गौतम बताते हैं कि उनके द्वारा 8 माह में 16 से अधिक तस्करों को पकड़कर नशीला पदार्थ बरामद किया गया साथ ही एनडीपीएस का केस भी दर्ज किया गया। दोनों थानों ने 8 माह में कुल 24 केस बनाये और 30 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
नदी किनारा हो या उद्यान सभी दूर मिलते हैं नशेड़ी
शिप्रा नदी के नृसिंह घाट, रामघाट, दत्त अखाडा, भूखी माता, श्मशान घाट से लेकर शंकराचार्य चौराहा, मुल्लापुरा, मंगलनाथ, रामजर्नादन मंदिर के आसपास से लेकर नगर निगम के क्षीर सागर उद्यान, योगेश्वर टेकरी, कालिदास उद्यान में भी गांजा और स्मैक पीने वाले अपना अड्डा जमाकर रखते हैं। खास बात यह कि पुलिस इन नशेडिय़ों को पकड़कर ठोस कार्रवाई भी नहीं कर पाती।
नहीं टूटते ड्रग्स पैडलर
नशीले पदार्थ की खेप लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने वाले व्यक्ति को तस्करों की दुनिया में पैडलर कहा जाता है। पुलिस के हत्थे चढऩे के बाद भी यह पैडलर टूटते नहीं। पूछताछ में सिर्फ इतना बताते हैं कि हमें शहर में ही एक व्यक्ति ने माल सप्लाय किया था।