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बहुचर्चित नम्रता डामोर प्रकरण में 10 साल बाद भी स्पष्ट नहीं मौत हत्या थी या आत्महत्या ….

बहुचर्चित नम्रता डामोर प्रकरण में 10 साल बाद भी स्पष्ट नहीं मौत हत्या थी या आत्महत्या ….

शव उज्जैन और तराना के बीच रेलवे पटरी पर कटा मिला था

उज्जैन/इंदौर।10 साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज की छात्रा नम्रता डामोर की हत्या हुई थी या उसने आत्महत्या की थी। सीबीआइ मामले में जांच के बाद खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुकी है। सीबीआइ ने इसके पहले भी मामले में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की थी लेकिन उस वक्त नम्रता के पिता मेहताब सिंह की आपत्ति के बाद न्यायालय ने प्रकरण खात्म करने से मना कर दिया था। हाल ही में प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट में सीबीआइ ने माना है कि नम्रता ने पारिवारिक विवाद के चलते ट्रेन के सामने कूदकर जान दी थी। व्यापमं घोटाले से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

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बता दें कि मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर का शव 7 जनवरी 2012 को उज्जैन और तराना के बीच रेलवे पटरी पर कटा पड़ा मिला था। नम्रता एमजीएम मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी और कॉलेज के गल्र्स हास्टल में रहती थी। घटना के कुछ दिन पहले से वह हास्टल से गायब थी।

इंदौर संयोगितागंज पुलिस थाने पर उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करवाई गई थी। नम्रता का शव मिलने के बाद इस मामले को व्यापमं घोटाले से जोड़कर भी देखा जा रहा था। पुलिस नम्रता की मौत को आत्महत्या बता रही थी जबकि नम्रता के पिता मेहताब सिंह ने बेटी की मौत को हत्या करार देते हुए सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे।

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सीबीआइ को सौंपी थी जांच….जुलाई 2015 में पत्रकार अक्षयसिंह की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की मौत की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। करीब दो साल जांच के बाद 30 दिसंबर 2017 को सीबीआइ ने नम्रता डामोर मौत मामले में कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकिन मेहताब सिंह डामोर ने इस पर आपत्ति लेते हुए दोबारा जांच की मांग की थी। कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने मामले की जांच दोबारा शुरू की। हाल ही में इस मामले में दोबारा खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है।

यह कहा है रिपोर्ट में….सीबीआइ की ओर से प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट में कहा है कि यह हत्या का नहीं बल्कि आत्महत्या का मामला है। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि सीबीआइ जांच में यह बात सामने आई कि पारिवारिक विवाद के चलते नम्रता ने चलती ट्रेन से कूदकर आत्महत्या की थी।

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इस मामले का व्यापमं घोटाले से कुछ लेना देना नहीं है। अब कोर्ट नम्रता के पिता के बयान दर्ज करने के बाद यह तय करेगी कि खात्मा रिपोर्ट स्वीकारना है या नहीं, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो रहे। कोर्ट उनका वारंट भी जारी कर चुकी है।

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