प्रतिबंध की उड़ रही धज्जियां, अमानक पॉलिथीन का जमकर हो रहा उपयोग

रोज कचरा स्टेशनों पर क्विंटलों से पहुंच रही
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उज्जैन। बीते एक जुलाई 2022 से प्रदेश में सिंगल यूज पॉलिथीन और अमानक पॉलिथीन का विक्रय, खरीद और इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इसका पालन नहीं करने पर दोषियों के खिलाफ सजा और जुर्माने की कार्रवाई का भी प्रविधान किया गया है। इसके बावजूद शहर में निकलने वाले कचरे में इसकी मात्रा कम नहीं हो रही है। प्रतिदिन कचरा स्टेशनों पर क्विंटलों से अमानक पॉलिथीन पहुंच रही है। इसका मतलब साफ है कि शहर में अमानक पॉलिथीन का उपयोग कम नहीं हुआ है। शहर में इसकी आपूर्ति गुजरात, नोएडा और दिल्ली के आसपास के जिलों से की जा रही है।
साप्ताहिक हाट और मुख्य बाजारों में अमानक पॉलिथीन का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इन्हें पकडऩे और प्रतिबंध को कारगर बनाने में जिम्मेदार विभाग लापरवाही दिखा रहे हैं। शहर में 20 से अधिक थोक विक्रेता हैं, इनके बड़े गोदामों में क्विंटलों पॉलिथीन मौजूद है, लेकिन अधिकारी हाथ ठेला और सब्जी की दुकानों में कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
नहीं हुई बड़ी कार्रवाई मप्र में:
सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन को प्रतिबंधित किए हुए 60 दिन का समय बीत चुका है। व्यापारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं की है। हालांकि इसका इस्तेमाल करने वाले हाथठेला, किराना और सब्जी दुकानों के स्पाट फाइन लगाया जा रहा है। लेकिन बड़ी कार्रवाई से निगम के अधिकारी भी बच रहे हैं।
प्रति व्यक्ति दस ग्राम अमानक पॉलिथीन की खपत बढ़ी
जानकारों का कहना है कि कोरोना के बाद आम लोगों में यूज एंड थ्रो का चलन बढ़ा है। इससे शहर में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत भी बढ़ गई है। अब यहां प्रति व्यक्ति द्वारा निकलने वाले औसतन 350 ग्राम कचरे में करीब 15 प्रतिशत प्लास्टिक होता है। इसमें 10 से 12 प्रतिशत प्लास्टिक रिसाइकिल करने योग्य होता है, जबकि दो से तीन फीसदी नान रिसाइकेबल होता है। मतलब प्रति व्यक्ति दस ग्राम अमानक पॉलिथीन की खपत हो रही है।
इन सामग्रियों पर प्रतिबंध
प्लास्टिक कचरा के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई से पल्ला झाड़ा
प्रतिबंधित पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास कार्रवाई के अधिकार नहीं हैं। पॉलिथीन पर चालानी कार्रवाई और जुर्माना नगर निगम लगाता है। बोर्ड केवल मानीटरिंग बॉडी है।
सख्ती की जाएगी…
सिंगल यूज प्लास्टिक और अमानक पॉलिथीन विक्रय, खरीदी और इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है। जोन स्तर पर कार्रवाई होती है। अब इसमें और सख्ती की जाएगी।
आदित्य नागर अपर आयुक्त, उज्जैन नगर निगम









