एक वर्ष में 53 करोड़ रु. से अधिक का दान
उज्जैन।दो साल तक कोविड गाइडलाइन के चलते महाकाल मंदिर में तमाम प्रतिबंध थे। श्रद्धालुओं का आगमन भी कम था। प्रतिबंध के खत्म होते ही देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इसका असर दान पेटी पर भी हुआ। एक वर्ष की अवधि में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को केवल दान से ही 53 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई।
महाकाल मंदिर में लॉकडाउन के बाद दर्शन को आए श्रद्धालुओंं ने दान का रिकॉर्ड बना दिया। बीते दो वर्ष कोरोना काल के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई थी। इसके बाद कोरोना के प्रतिबंध समाप्त होने के बाद तो पर्व, त्योहारों के साथ ही सामान्य दिनों में ही दर्शनार्थियों की संख्या अधिक रही।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा ने बाबा महाकाल के खजाने को पिछले वर्षों की तुलना में दोगुना भर दिया है। मंदिर में 1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 के दौरान 81 करोड़ से अधिक की राशि दानपेटी, विभिन्न दान रसीद, लड्डू प्रसाद के साथ ही मंदिर की धर्मशाला से प्राप्त हुई है। इतनी बड़ी राशि दान आने का यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है।
महाकाल के चरण में यथाशक्ति भेंट
महाकाल के दर्शन के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। देश के हर राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर दर्शन लाभ लेते हंै। भगवान महाकाल के प्रति श्रद्धा के कारण ही श्रद्धालु यथाशक्ति भगवान के चरणों में भेंट अर्पित करते है। मंदिर में भेंटपेटी में नगद राशि, दान के लिए दिए चेक, ऑनलाइन भुगतान, पूजन अभिषेक की रसीद से, महाकाल के लड्डू प्रसाद और मंदिर की धर्मशाला में ठहर कर श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का खजाना भरा है।
महाकाल मंदिर में अलग-अलग अवधि में होने वाली आय
1 सितं. 21 से 15 सितंबर 2022
दान: 53,30,43,491
लड्डू: 27,25,02,070
धर्मशाला: 4525445
कुल: 81,00,71,006
1 सित. 20 से 30 अगस्त 2021
दान: 24,75,74,493
लड्डू: 15,40,83,881
धर्मशाला: 2891291
कुल: 404549665
1 सितं.17 से 30 अगस्त 2018
दान: 23,76,99,430
लड्डू: 13,02,29,675
धर्मशाला: 3012931
कुल: 370942036
1 सितं. 16 से 30 अगस्त 2017
दान: 17,31,57,190
लड्डू: 10,88,71,647
धर्मशाला: 4262839
कुल: 286291676