अधिकांश महिलाएं नाम की पार्षद, काम संभाल रहे पति-परिजन

निगम अध्यक्ष इस प्रवृत्ति से असहमत, बोलीं- सहयोग पर आपत्ति नहीं लेकिन वैधानिकता पर हक जताना गलत

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उज्जैन।50 फीसदी आरक्षण होने के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं निर्वाचित होकर आ रही हैं। यह महिला सशक्तिकरण के लिए बड़ी बात है, लेकिन यह भी देखने में आ रहा है कि महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित रहते हैं, साथ ही समानांतरण रूप से प्रशासनिक व्यवस्था में अनाधिकृत हस्तक्षेप करते है।

इस संबंध में नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव का कहना है कि महिला पार्षद को काम में सहयोग करने पर आपत्ति नहीं लेकिन वैधानिकता पर हक जताना गलत है।

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महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक आरक्षण कर रखा है। नगरीय निकाय में चुनकर आई महिला पार्षदों के स्थान पर उनके पति, पुत्र, भाई, अन्य रिश्तेदार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। नगर निगम परिषद में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण किया गया है।

उज्जैन नगर निगम में 54 में से 29 महिला पार्षद हैं। अधिकांश महिला पार्षदों का कामकाज उनके पति, पुत्र या परिजन संभाल रहे हैं। नगर निगम के कामकाजों में महिला पार्षदों के रिश्तेदारों के दखल से विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि असल में आरक्षण का फायदा किसको मिल रहा है।

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हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं

नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव का कहना है कि महिला पार्षद को सरकार ने वैधानिक अधिकार और मतदाताओं ने अवसर दिया है। इनके कार्य में किसी का हस्तक्षेप उचित नहीं है। मैं इस प्रवृत्ति के पक्ष में नहीं हूं। पिछले दिनों जोन एक की समीक्षा बैठक में स्पष्ट तौर पर बताया था कि बैठक में महिला पार्षद के साथ या उनके प्रतिनिधि के तौर पर अन्य किसी को शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

पंचायत में लग चुकी है रोक

पंचायतों में भी महिला जनप्रतिनिधियों के पति या परिवार के अन्य सदस्य उनका कामकाज संभालते थे। महिलाएं केवल मुहर बनकर रह गई थी। इसे देखते हुए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग को अलग से आदेश जारी करना पड़ा। इसमें कहा गया कि जनप्रतिनिधियों के पति बैठकों में नहीं आ सकेंगे। इस मामले में मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 एवं नगर निगम में 1958 में प्रतिनिधि संबंधित प्रावधान का कोई उल्लेख नहीं है।

दो घटना परिजनों की सक्रियता की

एमआईसी सदस्य के पति- नगर निगम में फिलहाल पांच सदस्य हैं। इसमें से एक महिला एमआईसी सदस्य के पति बाबूलाल वाघेला कुछ अधिक सक्रिय हैं। वे अक्सर नगर निगम में नजर आने के साथ महापौर और अधिकारियों के दौरे पर साथ रहते हैं। सरकारी किताबें कबाड़ी के यहां मिलने के मामले में पार्षद और एमआईसी सदस्यों की मौजूदगी के साथ प्रचार-प्रसार माध्यम में भी वाघेला एमआईसी सदस्य के साथ खड़े दिखाई दिए।

महापौर के साथ पिता रहें: एक सप्ताह पहले महापौर सतत वर्षा के कारण आगर रोड की कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति का निरीक्षण करने गए थे। इस दौरान क्षेत्र की महिला पार्षद के पूर्व पार्षद पिता मांगीलाल कड़ेल पूरे समय दौरे में शामिल तो रहे, आम-नागरिकों और अधिकारियों की चर्चा में भी हस्तक्षेप करते रहे।

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