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इंदौर :तालाब संवारेंगे देश के नामचीन NGO

शहर के 24 से ज्यादा छोटे-बड़े तालाबों  को संवारने के लिए देश के कई नामी एनजीओ आगे आए हैं और उन्होंने निगम से इनकी पूरी विस्तृत जानकारी भी मांगी है। इनमें 18 तालाब ऐसे हैं, जहां लाखों के कार्य होना हैं। एनजीओ ने वहां जनहित में तालाब संवारने की बीड़ा उठया है।

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चेन्नई, बैंगुलरु व गुजरात के कई नामचीन एनजीओ ने इसकी जानकारी  बुलवाई है।कुछ समय पहले नगर निगम ने अपने स्तर पर शहरभर के तालाबों को संवारने का काम शुरू किया था, जिसके चलते तालाबों की स्थिति में न केवल सुधार हुआ था, बल्कि गर्मियों के दिनों में भी तालाब लबालब रहे हैं।

निगम ने इसके पीछे यह फंडा अपनाया था कि किसानों को तालाब की मिट्टी ले जाने के लिए अनुमति दे दी थी। इसके चलते कई क्षेत्रों के किसानों ने तालाबों की मिट्टी निकालने के लिए तमाम संसाधन लगाकर अपने स्तर पर काम शुरू कर दिया था, जिससे तालाबों का गहरीकरण भी बिना लाखों खर्च किए हो गया था। इसी के चलते तालाबों की स्थिति गर्मी से लेकर बारिश तक बेहतर रहती है।

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नगर निगम के अधिकारियों से शहर के 24 तालाबों के बारे में देश के कई एनजीओ ने विभिन्न कार्यों के लिए जानकारी मांगी है। इनमें चेन्नई की तीन से चार राष्ट्रीय स्तर की एनजीओ टीमें और बैंगलुरु की कई बड़ी एनजीओ टीमों ने भी यहां काम करने में रुचि बताई है। शहर में 24 तालाब हैं। इनमें से 18 तालाबों के आसपास गहरीकरण, पाथवे, आसपास के हिस्सों में पौधारोपण, विभिन्न पाल बनाने से लेकर सौंदर्यीकरण के कार्य होना हैं।

राष्ट्रीय स्तर की एनजीओ टीमों ने निगम अफसरों के सामने प्रस्ताव रखा है कि वे जनहित में यहां तालाबों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कार्य करने की इच्छुक हैं और वहां होने वाले कार्यों के लिए निगम से किसी प्रकार की राशि नहीं ली जाएगी और तालाब पूरी तरह से निगम के आधिपत्य में ही रहेगा। अफसरों के मुताबिक अभी इस प्रस्ताव को निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल के सम्मुख रखा गया है और आने वाले दिनों में इस पर निर्णय हो सकता है।

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