नवदुर्गा की उपासना के दौरान घर- घर में नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना और पूजा पाठ किया जाएगा। ऐसे में पाठ-पूजा के साथ- साथ घर की महिलाओं को सोलह श्रृंगार भी करना चाहिए। सोलह श्रृंगार करके ही माता की पूजा करनी चाहिए। इससे मां दुर्गा खुश होती हैं और आप पर अपनी कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों के अनुसार सोलह श्रृंगार सिर्फ खूबसूरती ही नहीं भाग्य को भी बढ़ाता है।
शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा को सोलह श्रृंगार अर्पित किया जाता है। इस दिन सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। कहते हैं मां दुर्गा की पूजा सोलह श्रृंगार के बिना अधूरी होती है। ऐसे में सुहागन महिलाओं को भी सोलह श्रृंगार करके रहना चाहिए।
इस दिन मां दुर्गा की पूजा के साथ साथ उनके सोलह श्रृंगार का भी बहुत महत्व है। भारतीय परंपरा के अनुसार इस दौरान सुहागन महिलाओं के लिए सोलह शृंगार करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि में ही महिलाओं का सोलह श्रृंगार करना क्यों जरूरी होता है। आइए जानते हैं नवरात्रि में सोलह श्रृंगार करने के महत्व के बारे में।
लाल जोड़ा :नवरात्रि में माता का आर्शीवाद पाने के लिए आप लाल रंग के कपड़े पहनें। इसे सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। भूलकर भी इन दिनों काले रंग के वस्त्र ना पहनें।
मेहंदी: मेहंदी को सुहागिन का अहम शगुन माना जाता है। इसलिए हाथों पर मेहंदी लगाकर शगुन जरूर करें।
बिंदी : दोनों भौंहों के बीच कुमकुम से लगाई जाने वाली बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है। सुहागिन महिलाएं कुमकुम या सिंदूर से लाल बिंदी जरूर लगाएं।
झुमके : सोलह श्रृंगार झुमकों के बिना अधूरा-सा लगता है। कहा जाता है कि महिलाओं को अपने कान सूने नहीं रखने चाहिए।
काजल : काजल अशुभ नजरों से बचाव करता है। इसलिए काजल लगाना हर स्त्री के लिए शुभ माना जाता है।
सिंदूर :नवरात्रि में चटक लाल रंग का सिंदूर भरना चाहिए। इससे पति की उम्र लंबी होती है और माता रानी भी प्रसन्न रहती हैं।
गजरा :जमाना चाहे कोई भी हो गजरे का ट्रैंड हमेशा एवरग्रीन रहता है। ऐसे में आप पति के हाथों से गजरा जरूर पहनें।
नथ : हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों को नाक में कोई आभूषण पहनना अनिर्वाय माना है। नोजपिन को सुहाग की निशानी से जोड़कर देखा जाता है।
चूडिय़ां : नवरात्रि में लाल चूडय़िां पहननी चाहिए। लाल रंग जीवन में खुशियां व सौभाग्य लाता है।
बाजूबंद : महिलाओं का यह आभूषण सोने या चांदी से बना हुआ होता है। कहा जाता है इसे पहनने से परिवार के धन की रक्षा होती है।
बिछुआ : पैरों की अंगुलियों में पहने जाने वाला ये चांदी का बिछुआ इस बात का प्रतीक होता है कि दुल्हन शादी के बाद सभी परेशानियों का हिम्मत के साथ मुकाबला करेगी.
मंगलसूत्र : सुहागिन स्त्रियों को कभी भी खाली गले से नहीं रहना चाहिए। इसके लिए सबसे आदर्श मंगलसूत्र माना जाता है।
मांग टीका :माथे के बीचों-बीच पहने जाने वाला मांग टीका हर लड़की की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।
पायल : पांव में चांदी के पायल पहनना भी महिलाओं के 16 श्रृंगारों में से एक होता है।
अंगूठी: अंगूठी वाली उंगली की नस मस्तिष्क से जुड़ी हुई है। इससे मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है।
कमरबंद : कमरबंद प्रतीक होता है सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है।