हाउसवाइफ अपने घर के काम और परिवार में इतनी व्यस्त रहती है कि उन्हें अपने लिए समय नहीं मिलता। इससे उन्हें कमर दर्द, थकान और कई बीमारियाँ हो जाती है
आप जिस कैलोरी का सेवन कर रहे हैं वह आपके द्वारा जलाए जा रहे कैलोरी के बराबर या उससे अधिक होना चाहिए। इसके साथ ही आपको अपने शरीर की पोषण संबंधी माँग को पूरा करने के लिए अन्य माइक्रोन्यूटिएन्ट्स का भी ध्यान रखना चाहिए।
आयरन-
गर्भावस्था के दौरान और मेनोपास के बाद आयरन की जरूरत अधिक होती है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल हैं- पालक, दाल, कुछ अनाज और आपको आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ लेने चाहिए ताकि आपको अच्छे परिणाम मिल सकें क्योंकि विटामिन सी आयरन के एब्सोर्पशन को बढ़ाता है। आप पालक, बीन्स, गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियाँ खा सकते है।
आयोडीन-
आयोडीन शरीर को बढऩे और विकसित करने में मदद करता है, खासकर दिमाग को। क्योंकि बच्चों को अपनी माँओं से आयोडीन मिलता है, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को अधिक आयोडीन की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान और ब्रेस्टफीडिंग और मेनोपास के बाद, उन खाद्य पदार्थों का चयन करें जिनमें आयोडीन ज्यादा है, जिससे थायराइड ग्लैंड की सही फंक्शनिंग में मदद मिलती है। खाने की चीजें जो आयोडीन में रिच है, वे दूध और रोटी हैं।
प्रोटीन-
मांसपेशियों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए प्रोटीन जरुरी है। बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों में कमजोरी शुरु हो जाती है । इससे बचने के लिये टोफू, बीन्स, दाल, कम फैट वाला दही, दूध, पनीर, बीज, नट्स, खा सकते हैं।
विटामिन बी 12-
विटामिन बी 12 स्वस्थ नर्व टिशू, दिमागी फंक्शन और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए आवश्यक विटामिन है। विटामिन बी 12 प्राकृतिक रूप से उत्पादों में पाया जाता है, जिनमें दूध, और दूध उत्पाद शामिल हैं। इससे 35 की उम्र के बाद एनिमिया जैसी दिक्कतों से सामना करना आसान हो जाता है।
कैल्शियम और विटामिन-डी-
स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन उचित होना चाहिए। कुछ कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों में कम फैट वाले दूध, दही और पनीर, घर का बना टोफू (एक प्रकार का पनीर) और कैल्शियम-रिच खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल हैं।