रहवासी किराए और संपत्ति में जीएसटी से छूट
उज्जैन।जीएसटी काउंसिल ने कुछ राहत भरे फैसले लिए हैं। इसमें प्रमुख रुप से रहवासी किराए और संपत्ति को जीएसटी से छूट दी गई है। इसके अलावा जीएसटी पोर्टल पर ही क्रेता के हित में आइटीसी वापस क्लेम करने के लिए विकल्प जोड़ा जाएगा।
जीएसटी की काउंसिल की 48 वीं बैठक में एक साथ करदाताओं के हित में हुए कई फैसले हुए। अब तक सख्त निर्णय लेने और कर प्रणाली को कठिन बनाती आ रही जीएसटी काउंसिल राहत देने वाले कई फैसले लिए हैं। मकान के किराए पर जीएसटी के कारण बन रही विसंगति और सप्लाय द्वारा कर न चुकाने पर क्रेता का के्रडिट रोकने जैसे बिंदुओं पर भी जीएसटी ने सुधार कर लिया है। इन निर्णयों से व्यवसायियों को बड़ी राहत मिलती दिख रही है।
पहले नियम था कि जीएसटी में रजिस्टर्ड किसी व्यक्ति को कोई संपत्ति किराए पर दी जाती है, तो उस पर भी जीएसटी लगेगा। काउंसिल ने अब साफ कर दिया है कि जीएसटी में रजिस्टर्ड कोई व्यक्ति अपने निवास के लिए कोई रहवासी मकान किराए पर लेता है तो ऐसी स्थिति में किराए पर कोई कर नहीं लगेगा। यानी रहवासी किराए और संपत्ति को जीएसटी से छूट दी गई है।
जानकारों के अनुसार जीएसटी काउंसिल की पिछली मीटिंग में यह तय हुआ था कि और अपंजीयत व्यवसाय तथा कंपोजिशन डीलर ई-कामर्स आपरेटर के जरिए माल का विक्रय नहीं कर पाएंगे। अब इस नियम को 1 अक्टूबर 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इसके अलावा पहले नियम था कि कोई व्यवसायी को माल देने वाला सप्लायर जीएसटी जमा नहीं करता है,तो विभाग उस माल के खरीदने वाले से कर की वसूली कर लेता है। विक्रेता यदि बाद में कर जमा कर देता है, तो खरीदार द्वारा रिवर्स किए गए आइटीसी को वापस नहीं किया जाता था।
इस संबंध में घोषणा की गई है है, कि जीएसटी पोर्टल पर ही क्रेता के हित में आइटीसी वापस क्लेम करने के लिए विकल्प जोड़ा जाएगा। इन निर्णयों से व्यापारियों को बड़ी राहत मिलती दिख रही है। कर विशेषज्ञों के अनुसार यह काउंसिल की पहली मीटिंग है जिसमें एक साथ इतने निर्णय ऐसे लिए गए हैं जिससे करदाताओं को राहत मिल रही है।