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महाकाल क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था के मसले पर छिड़ी बहस

किसी ने प्रशासन, किसी ने जनप्रतिनिधियों को तो किसी ने व्यापारियों को आड़े हाथों लिया

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उज्जैन।उज्जैन। महाकाल मंदिर क्षेत्र में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शहरवासियों ने इन दिनों सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल रखा है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक नागरिक प्रियांश बैरागी द्वारा पोस्ट अपलोड की गई है। इसमें उनके द्वारा बताया गया है कि इन दिनों महाकाल मंदिर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के हाल इतने खराब है कि आपातकालीन/इमरजेंसी जैसी स्थिति में ना तो यहां एम्बुलेंस आ सकती है और न ही फायर ब्रिगेड।

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अप्रत्यक्ष तौर पर एक यूजर ने कहा कि महाकाल मंदिर तक वीआईपी गाडिय़ों को जगह मिल जाती हैं, लेकिन एंबुलेंस को नहीं। इस पोस्ट पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई। शुक्रवार सुबह तक 367 लाइक्स और 50 से ज्यादा कमेंट्स आ चुके थे। खास बात यह है कि अधिकांश कमेंट्स में किसी ने जिला प्रशासन को, किसी ने जनप्रतिनिधियों को तो किसी ने व्यापारियों को आंडे हाथों लिया।

फेसबुक पर आए ये कमेंट्स

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महाकाल के आसपास, सचमुच बहुत अव्यवस्था है, कल को अगर कोई दुर्घटना हो तो मदद पहुंचना तो दूर की बात है लोग वहां से बाहर भी नहीं निकल पाएंगे। सिर्फ वीआईपी और वीवीआईपी की सेवा में लगा है पूरा प्रशासन। -विजय पर्चनी

उज्जैन में विशेष कर महाकाल क्षेत्र की यातायात व्यवस्था बहुत ही बेकार है। ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की बजाय यातायात पुलिस बाहर से आने वालों यात्रियों से अवैध वसूली करने में व्यस्त है। -राजेश नागर

महाकाल चौराहा पर पुलिसकर्मी तैनात होने के उपरांत भी यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। स्थिति इतनी खराब है कि ऑटो-ई-रिक्शा और मैजिक वाले किसी भी प्रकार का कोई नियम का पालन नहीं करते हैं जिसकी जहां इच्छा होती है गाड़ी खड़ी कर देता है। – विशाल चौबे

पूरे शहर अतिक्रमण से पटा है। दुकानदारों की दुकानें दस फिट की है और अतिक्रमण 20 फिट का कर रखा है। कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस बारे में अवगत करवाया गया, लेकिन हाल नहीं सुधरे।-सुरेंद्र सिंह चौहान

उज्जैन की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुकी है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु बहुत ही खराब अनुभव लेकर जा रहे हं। दर्शन व्यवस्था के साथ होटल, ऑटो, ई-रिक्शा वालों ने लूट मचा रखी है।-गोपाल दयाल

कार पार्किंग वालों की बदतमीजी के तो चर्चे आम हैं। महाकाल लोक देखने आए दर्शनार्थियों को सबसे पहले कार पार्किंग वालों के दुव्र्यवहार को झेलना पड़ रहा हैं।-रोहित केलकर

बहुत दुखद बात है। यातायात पुलिस को केवल बाहरी मार्गों पर चालान काटने में रुचि है। शहर में जाम लगे, ऑटो-ई-रिक्शा वालों का राज है सड़कों पर, इस बात से उन्हें कोई लेना देना नहीं।-लोकेंद्र शास्त्री

महाकाल मंदिर से महाकाल चौराहा तक नो-व्हीकल जोन होना चाहिए। केवल इमरजेंसी में ही वाहनों को प्रवेश दिया जाए।- अक्षय शर्मा

(इन सभी कमेंट्स के स्क्रीन शॉट अक्षरविश्व के पास सुरक्षित रखे है)

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