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ड्राइविंग के प्रति बढ़ रहा उज्जैन की महिलाओं का रूझान

बीते 6 सालों में बने सत्रह हजार से अधिक पिंक लाइसेंस…

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उज्जैन। पुरूषों के साथ शहर की महिलाओं में भी ड्राइविंग के प्रति रूझान बढ़ रहा है। चाहे वह टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर उज्जैन परिवहन विभाग में दर्ज आंकड़े बता रहे हैं कि उज्जैन की महिलाओं में ड्राइविंग के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस (पिंक) पाने वाली महिलाओं की संख्या में भी साल दर साल वृद्धि हो रही हैं। बीते 6 सालों में महिलाओं के लाइसेंस बनवाने का आंकड़ा 17529 पर जा पहुंचा है।

महिलाओं में ड्राइविंग के प्रति के्रज बढ़ रहा है। महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं। वह काम के लिए किसी दूसरे के भरोसे नहीं रहना चाहती हैं। इसलिए वर्ष 2017 से लेकर 4 जनवरी 2023 तक दो पहिया और चार पहिया वाहन चलाने के लिए महिलाओं की संख्या 17 हजार के पार जा पहुंची है। परिवहन विभाग के मुताबिक पिछले कुछ समय से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लड़कियों और महिलाओं के रिकॉर्ड तोड़ आवेदन आए हैं। इसका एक कारण यह भी कि महानगरों के बाद अब छोटे शहरों के दोपहिया वाहन शोरूम में स्कूटी की डिमांड हर साल बढ़ रही है। वहीं कई महिलाएं कार भी चलाने का शौक रखने लगी हैं। इससे महिलाओं के डीएल बनवाने की संख्या में भी इजाफा हो रहा हैं।

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क्या कहते है आरटीओ:

इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय का कहना है कि जिले में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों की संख्या में वृद्धि हुई है। जहां तक महिलों की बात है तो अब महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उनके आवेदन लगातार मिल रहे हैं।

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90 फीसदी महिलाएं होती है हर टेस्ट में पास

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक महिलाओं को भी डीएल के लिए टेस्ट देना होता है। जिसमें उनसे यातायात नियमों संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। जिन्हें उन्हें पास करना होता है। इसके लिए महिलाएं बेहतर ढंग से स्टडी करके आती हैं। उन्हें यातायात नियमों की पूरी जानकारी है। यही वजह है कि जब उनसे टेस्ट लिया जाता है। इनमें 90 फीसदी टेस्ट में पास होती है। जिससे उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में कोई परेशानी नहीं आती और उन्हें लाइसेंस बनाकर दे दिया जाता है।

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