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सरकारी सेंट्रल लैब का कामकाज ठप्प

40 कर्मचारियों की हड़ताल का असर, इमरजेंसी जांच कर रहे मशीन ऑपरेटर

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उज्जैन। चरक अस्पताल में सरकारी सेंट्रल लैब स्थित है जहां पर चरक अस्पताल के अलावा जिला अस्पताल, माधव नगर अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पताल व डिस्पेंसरी से आने वाले ब्लड, यूरिन सेम्पल की जांच होती है। वर्तमान में सेंट्रल लैब के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण यहां का कामकाज ठप्प हो गया है और मरीजों को प्रायवेट लैब पर जांचें कराना पड़ रही हैं, जबकि सेंट्रल लैब में मात्र पांच मशीन ऑपरेटरों द्वारा इमरजेंसी मरीजों के ब्लड टेस्ट किये जा रहे हैं।

13 जनवरी से लैब टेक्निशियन एसोसिएशन द्वारा विभिन्न मार्गों को लेकर हड़ताल की जा रही है। पिछले चार दिनोंं से जारी हड़ताल के कारण चरक भवन में संचालित होने वाली सेंट्रल लैब का कामकाज प्रभावित हो रहा है। यहां प्रतिदिन सामान्य दिनों में 400 से 500 मरीजों के ब्लड, यूरिन सेम्पलों की जांच होती थी। वर्तमान में जारी हड़ताल के कारण चरक अस्पताल की गायनिक ओपीडी, जिला अस्पताल और माधव नगर अस्पताल की ओपीडी के सिर्फ गंभीर मरीजों के ब्लड सेम्पलों की जांच हो पा रही है। सामान्य मरीजों की जांच सेंट्रल लैब में नहीं होने के कारण उन्हें प्रायवेट लैब में जांच कराना पड़ रही है।

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अस्पताल प्रशासन ने नहीं की अलग से व्यवस्था

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें उज्जैन संभाग उज्जैन डॉ. रजनी डाबर ने लैब टेक्निशियन एसोसिएशन की प्रस्तावित 13 जनवरी से हड़ताल की सूचना मिलने के बाद 10 जनवरी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित संभाग के सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी किया गया था जिसमें उल्लेख था कि आपके अधीनस्थ चिकित्सा संस्थाओं में स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप से संचालित रहें यह सुनिश्चित करें। वर्तमान में चरक अस्पताल की सेंट्रल लैब में लगी जांच मशीनों के 5 आपरेटरों द्वारा ही कार्य किया जा रहा है।

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मरीजों की परेशानी से अस्पताल के अफसर अनजान

सेंट्रल लैब में प्रतिदिन 400 से 500 मरीजों के ब्लड यूरिन की विभिन्न जांचें होती हैं जो हड़ताल की वजह से घटकर मात्र 100 के आसपास रह गई हैं जिनमें इमरजेंसी मरीजों की ही जांच हो पा रही है। सेंट्रल लैब प्रबंधन द्वारा मरीजों को होने वाली परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। मरीज व उनके परिजन प्रायवेट लैब में पहुंचकर महंगी जांचें करा रहे हैं।

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